नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के ऑपरेशन ऑल-आउट के तहत इस साल यानि 2018 में अबतक 242 आतंकवादियों को खत्म किया जा चुका है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के डायरेक्टर जनरल आर आर भटनागर ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में इस साल मारे गए आतंकवादियों के बारे में जानकारी दी।
इस साल 242 आतंकियों का खात्मा
बुधवार को ही सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर नवीद जट को ढेर किया था और आर आर भटनागर के मुताबिक यह एक बड़ी कामयाबी है, नवीद जट जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार सुजात बुखारी की हत्या में शामिल था और वह इसी साल फरवरी में अस्पताल से भागा था। उसके खात्म को आर आर भटनागर ने सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी कामयाबी बताया है। सुरक्षाबलों ने पिछले साल भी जम्मू-कश्मीर में 200 से ज्यादा आतंकवादियों को खत्म किया था, गैर आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 2017 के दौरान जम्मू-कश्मीर में 213 आतंकवादी खत्म हुए थे।
कसाब का सहयोगी रह चुका था जट
अधिकारियों ने बताया कि 26/11 के हमलों के आतंकवादी अजमल कसाब का सहयोगी रहे ‘‘सर्वाधिक वांछित’’ जट का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है। वह मध्य कश्मीर के बडगाम इलाके में एक गांव में मुठभेड़ में अपने साथी के साथ मारा गया। मुठभेड़ में सेना के तीन जवान भी घायल हो गए। जट पुलिस के बिछाए जाल से कम से कम छह बार फरार हो चुका था और घाटी में कई हमलों में शामिल था।
पाकिस्तान का नागरिक था यह खुंखार आतंकी
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी पाकिस्तानी नागरिक था और उचित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। सिंह ने कहा कि वे पाकिस्तान को नवीद जट का शव लेने के लिए सूचित करने के वास्ते गृह मंत्रालय को पत्र लिखेंगे। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर पुलिस ने आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद बुधवार को तड़के बडगाम के कठपोरा चत्तरगाम इलाके में एक मकान की घेराबंदी की जहां जट उर्फ हंजल्ला मारा गया।
बुधवार सुबह सुरक्षाबलों ने किया खात्मा
पुलिस महानिदेशक ने घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि मकान में छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की और आतंकवादियों के एक मकान से दूसरे मकान में जाने पर गोलीबारी तेज हो गई। अधिकारियों ने बताया कि जब एक मकान में से स्थानीय लोग मदद के लिए चिल्लाने लगे तो अभियान बाधित हुआ और मकान को खाली कराना पड़ा। इस अभियान के दौरान आतंकवादियों ने पुलिस और सेना के दलों पर गोलीबारी की जिससे मामूली रूप से घायल हुए सैनिकों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
बुधवार को कुल 2 आतंकी खत्म
दिन के समय दो आतंकवादी मारे गए। उनमें से एक की पहचान जट के रूप में हुई जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कुख्यात कमांडर निकला और इस साल फरवरी में यहां एक सरकारी अस्पताल से नाटकीय अंदाज में फरार हो गया था। सिंह ने कहा, ‘‘यह सुरक्षाबलों का तीव्र अभियान था। हमें आखिरकार नवीद जट को पकड़ने में कामयाबी मिली जो एक पाकिस्तानी नागरिक था।’’
कई बार दे चुका था चकमा
डीजीपी ने कहा, ‘‘वह छह अलग मुठभेड़ों में हमें चकमा देने में कामयाब रहा लेकिन आज हमारे जवान उसे पकड़ने में सफल रहे।’’ जट जून में पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या समेत कई आतंकवादी अपराधों, सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर हमले और कई अन्य नागरिक अत्याचारों की घटनाओं में मिलीभगत के लिए वांछित था। उसने पहले जो खुलासा किया था उसके अनुसार जट उर्फ अबू हंजल्ला पाकिस्तान के मुल्तान में पैदा हुआ और वह पड़ोसी देश में एक मदरसे पर कसाब समूह का हिस्सा था जहां उसने हथियारों का प्रशिक्षण लिया।
पूरी तरह से ट्रेंड था आतंकी जट
एक अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी ने गहन प्रशिक्षण लिया और वह कम्पास, जीपीएस, वायरलेस सेट्स और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों को चलाने में माहिर था। राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, जट और उसके साथी अक्टूबर 2012 में कश्मीर घाटी में घुसे थे। इसके बाद उसका आतंकवाद के अपराध का लंबा इतिहास बना। पाकिस्तान में बीच में पढ़ाई छोड़ चुका 22 वर्षीय जट श्रीनगर के हैदरपोरा में सेना पर हमले, शहर के बाहरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्वर स्टार होटल पर हमले और दक्षिण कश्मीर में पुलिस तथा सीआरपीएफ पर तीन हमलों समेत कई आतंकवादी हमलों में शामिल था।
कई सुरक्षाबलों की हत्या में भी था शामिल
अधिकारियों ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि वह मई 2013 में पुलवामा में एक एएसआई की हत्या, सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमलों और अगस्त 2013 में अवनीरा शोपियां में सीआरपीएफ जवान की हत्या में शामिल था। इसके अलावा वह दक्षिण कश्मीर में कई बैंक लूटों और आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने में भी शामिल था। इनमें मार्च 2014 में पुलवामा में एक अदालत परिसर पर हमला भी शामिल है जिसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए थे। ऐसा माना जाता है कि वह जून 2014 में बोंगम शोपियां में पुलिस के एक दल पर हमले में शामिल था जिसमें कई नागरिक और पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
(इनपुट-एजेंसी)