नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो व राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पश्चिम बंगाल में टीएमसी के विधायकों के टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। इसी क्रम में बुधवार (20 जनवरी) को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के शांतिपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा महासचिवों कैलाश विजयवर्गीय, भूपेन्द्र यादव, अरूण सिंह और डी पुरंदेश्वरी तथा पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई।
बंगाल में युवाओं का कोई भविष्य नहीं- अरिंदम भट्टाचार्य
बीजेपी में शामिल होने के बाद अरिंदम भट्टाचार्य ने कहा कि जनता की बेहतरी का सपना देखा था, टीएमसी में हालात सुधारने की काफी कोशिश की लेकिन सब बेकार रहा। बंगाल में युवाओं का कोई भविष्य नहीं है। बंगाल की जनता ने बहुत उम्मीदों के साथ टीएमसी को मौका दिया था लेकिन टीएमसी ने युवाओं का भविष्य सुनिश्चित नहीं किया। काबिल लोगों को काम नहीं करने दिया गया। हर बंगाली से निवेदन है कि पीएम मोदी के नेतृतव पर विश्वास करे।
जहां भाजपा की सरकार नहीं होती वहां कभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता- कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि 'जो लोग देश विरोधी हैं ऐसे लोगों को हम भाजपा में शामिल नहीं करेंगे। जहां भाजपा की सरकार नहीं होती वहां कभी भी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता इसलिए पश्चिम बंगाल में भी भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नहीं होगा।' विजयवर्गीय ने कहा कि भट्टाचार्य बंगाल के ओजस्वी वक्ता और तेजस्वी नेता हैं जो तृणमूल कांग्रेस की ‘‘अराजकता’’ से तंग आकर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत प्रसन्नता है कि एक युवा नेता जो बंगाल की राजनीति में महत्वपूर्ण दखल रखते हैं, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए आज भाजपा की सदस्यता ले रहे हैं।’’
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के दिग्गज नेता और ममता के करीबी माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी के बाद से लगातार टीएमसी में बगावत देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं। बता दें कि भट्टाचार्य कांग्रेस के टिकट पर 2016 में चुनाव जीते थे और अगले साल ही तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वह यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।