देहरादून. तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया था। तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड की पौड़ी-गढ़वाल लोकसभा सीट से लोकसभा सांसद हैं। 56 साल के तीरथ सिंह रावत संघ से जुड़े हुए हैं। वो RSS के प्रचारक रह चुके हैं। अखिल विद्यार्थी परिषद के लिए भी काम कर चुके हैं। तीरथ सिंह रावत साल 1997 से 2002 के बीच यूपी विधानपरिषद के सदस्य रह चुके हैं। वो साल 2000 से साल 2002 के बीच उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। साल 2012 में 2017 के बीच वो उत्तराखंड के विधायक रहे। मई 2019 में वो लोकसभा का चुनाव जीते।
सीएम चुने जाने पर उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, "कभी सोचना नहीं था और कल्पना भी नहीं थी कि जब मैं विद्यार्थी जीवन में आया आरएसएस से जुड़ा, भाजपा को जानता नहीं था। कई वर्ष तक विस्तारक प्रचारक रहा, फिर विद्यार्थी परिषद से जुड़ा, संगठन मंत्री का दायित्व रहा। कभी सोचा नहीं था कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। अटल जी से जब पहली बार मिला तो भाजपा से पहला परिचय हुआ।"
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बता दें कि उत्तराखंड भाजपा में पिछले तीन दिनों से चल रही सियासी उठापठक के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई लेकिन आज तीरथ सिंह रावत के नाम ने सभी को चौंका दिया क्योंकि इस नाम पर खुलकर कोई चर्चा नहीं हुई थी।
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कल तक त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी और प्रदेश के उच्च शिक्षा और सहकारिता मंत्री और धनसिंह रावत मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे थे। उनके अलावा, लोकसभा सांसद अजय भटट, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल थे। कल नई दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर देहरादून लौटने के बाद रावत शाम सवा चार बजे राजभवन पहुंचे और उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्यपाल ने रावत का इस्तीफा स्वीकार करते हुए उन्हें राज्य के नए मुख्यमंत्री का चयन होने तक उन्हें पद की जिम्मेदारियां संभालने को कहा था।
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