सबरीमला: भगवान अयप्पा का मंदिर विशेष पूजा के लिए सोमवार को खुलने से पहले पुलिस ने वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और सबरीमला तथा आसपास के इलाकों में चार या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले महीने रजस्वला उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
पुलिस ने कहा कि सुचारू रूप से ‘दर्शन’ के लिए 2300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है जिनमें 20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाएं शामिल हैं। इस तरह की किलेबंदी का पूर्ववर्ती शाही परिवार पंडालम, भाजपा और कांग्रेस ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर सर्किल निरीक्षक और उपनिरीक्षक रैंक की 30 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होगी।
पम्बा, निलक्कल, इलावुंगल और सन्निधानम में शनिवार की मध्य रात्रि से 72 घंटे के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बाद दूसरी बार ‘दर्शन’ के लिए मंदिर खुल रहा है। मंदिर सोमवार को शाम पांच बजे विशेष पूजा ‘‘श्री चितिरा अट्टा तिरूनाल’’ के लिए खुलेगा और उसी दिन रात दस बजे बंद हो जाएगा। तांत्री कंडारारू राजीवारू और मुख्य पुजारी उन्नीकृष्णन नम्बूदिरी मंदिर के कपाट संयुक्त रूप से खोलेंगे और श्रीकोविल (गर्भगृह) में दीप जलाएंगे।
हिंदू संगठनों की मीडिया हाउसों से अपील- युवा महिला पत्रकारों को सबरीमला ना भेजे
सबरीमला मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ आंदोलन कर रहे कई हिंदू संगठनों ने मीडिया संगठनों से इस मुद्दे को कवर करने के लिए महिला पत्रकारों को ना भेजने की अपील की है। यह अपील तब की गई है जब भगवान अयप्पा मंदिर विशेष पूजा के लिए सोमवार को खुलने वाला है। विश्व हिंदू परिषद और हिंदू ऐक्यवेदी समेत दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है। संक्षिप्त रूप से मंदिर के खुलने के मद्देनजर यह अपील की गई है। मंदिर में 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दूसरी बार मंदिर खुलेगा।