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आज है थियानमेन नरसंहार की बरसी, जानें चीन के इस चौक पर क्या हुआ था उस दिन

चीन की राजधानी बीजिंग के थियानमेन स्क्वेयर पर साल 1989 में लोकतंत्र के समर्थन में एक बहुत ही बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 04, 2020 12:50 IST
Tiananmen Square, Tiananmen Square Anniversary, Tiananmen Square Tank Man
Image Source : AP 5 जून को चीनी टैंकों के सामने खड़ा 'टैंक मैन', जो आज पूरी दुनिया में विरोध के प्रतीक के तौर पर याद किया जाता है।

नई दिल्ली: चीन की राजधानी बीजिंग के थियानमेन स्क्वेयर पर साल 1989 में लोकतंत्र के समर्थन में एक बहुत ही बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। चीनी सरकार ने उस समय उस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलवा दी थी। कहा जाता है कि उस घटना में हजारों लोगों की जान गई थी, लेकिन आज तक चीन की सेना द्वारा किए गए इस नरसंहार में जान गंवाने वालों लोगों की संख्या का ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है और यह भिन्न-भिन्न स्रोतों द्वारा सैकड़ों से लेकर हजारों के बीच बताई गई है।

चीन की सेना ने लोगों पर दागीं गोलियां

साल 1989 में बीजिंग के थियानमेन चौक पर छात्र और मज़दूर इकट्ठा हुए थे. ये लोग आज़ादी के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने बेहद ही हिंसक रूप से बीजिंग के थियानमेन चौक को खाली कराया। अप्रैल 1989 से शुरु हुआ यह प्रदर्शन 6 हफ्तों तक चला था। 20 मई को सरकार ने मार्शल लॉ लागू कर दिया और सेना सड़कों पर उतर आई। तीन जून की रात और चार जून को तड़के सुबह सेना ने प्रदर्शनकारियों को थियानमेन स्क्वेयर से हटाने के लिए गोलियां दागनी शुरू की। इस सैनिक कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए, लेकिन सटीक आंकड़ा किसी को नहीं पता है।

Tiananmen Square, Tiananmen Square Massacre, Tiananmen Square Tank Man

Image Source : AP FILE
1989 की इस तस्वीर में चीनी सेना के एक वाहन को आग लगाकर विरोध करते प्रदर्शनकारी।

टैंक मैन बन गया विरोध का प्रतीक
पूरी दुनिया आज थियानमेन स्क्वेयर जनसंहार की 31वीं वर्षगांठ पर उस व्यक्ति को याद कर रही है जो 1989 में बीजिंग की सड़कों पर श्रंखलाबद्ध टैंकों की कतार के सामने हाथों में 2 शॉपिंग बैग लिए खड़ा हो गया था। टैंक मैन के रूप में पहचाने जाने वाला यह व्यक्ति थियानमेन स्क्वेयर पर चीन द्वारा लोकतंत्र प्रदर्शनकारियों पर हिंसा का सबसे स्थाई चेहरा बन कर उभरा। आज भी दुनिया में इस शख्स को बहादुरी के प्रतीक के तौर पर याद किया जाता है, हालांकि चीन में इसका जिक्र भी करना खतरे से खाली नहीं है।


क्या किया था टैंक मैन ने
नरसंहार के एक दिन बाद 5 जून को सफेद कमीज पहने एक व्यक्ति थियानमेन स्क्वेयर के पास श्रृंखलाबद्ध टैंकों के सामने चलने लगा। जैसे ही पहला टैंक उनकी तरफ बढ़ने लगा, उसने उसके रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। वह टैंक पर चढ़ गया और टैंक के अंदर मौजूद सैनिक से बात करने लगा। जब वह टैंक से वापस उतरा तो वह फिर टैंकों के मार्ग को अवरुद्ध करने लगा और तब तक करता रहा, जबतक 2 व्यक्तियों ने वहां पहुंचकर उसे सड़क से बाहर नहीं कर दिया। यह घटना पूरी दुनिया में प्रसारित हुई और व्यक्ति 'टैंक मैन' के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

Tiananmen Square, Tiananmen Square Massacre, Tiananmen Square Tank Man

Image Source : AP FILE
1989 में थियानमैन चौक पर विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के बाद खड़े चीनी सेना के टैंक।

चीन में नहीं होती है थियानमेन नरसंहार पर बात
1989 में चीन में हुई इस घटना की रिपोर्टिंग को भी सरकार ने बड़े पैमाने पर सेंसर कर दिया। इस घटना की रिपोर्टिंग पर चीन में कड़े प्रतिबंध हैं और इस पर कोई बोलना पसंद नहीं करता है। 6 हफ्ते चले इस प्रदर्शन के गुरुवार को 30 साल पूरे हुए। अप्रैल में शुरू हुए इस प्रदर्शन का अंत 3-4 जून को नरसंहार से हुआ था। 4 जून को हर साल दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में वर्तमान चीनी इतिहास के इस दागदार अध्याय को याद करते हैं।

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