नई दिल्ली: राजस्थान से उठे बवंडर ने अब दिल्ली-एनसीआर में दस्तक दे दी है। देर रात दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव में तेज हवा के साथ आंधी चल रही है। आंधी के चलते चारों और धूल ही धूल है। एहतियात के तौर पर बिजली काट दी गई है। प्रशासन की तरफ से पहले ही अलर्ट जारी किया जा चुका है। वहीं गाजियाबाद और मेरठ में कल सभी स्कूल बंद कर दिये गए हैं। राजधानी दिल्ली में शाम में चलनेवाले स्कूल बंद करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले इस तूफान ने पश्चिमी राजस्थान में दस्तक दी थी। वहां बीकानेर, जैसलमेर में धूलभरी आंधी चली थी। भारत- पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर से उठा रेत का बवंडर देर शाम बीकानेर शहर तक आ पहुंचा जिसके चलते जिले के अधिकतर हिस्सों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। बवंडर का कहर देर रात तक लोगों को परेशान करता नजर आया। बवंडर खाजूवाला, लूणकरनसर, अर्जुनसर, महाजन, छतरगढ़ सहित जिले के अनेक स्थानों से होता हुआ बीकानेर शहर में भी आ गया। चारों तरफ रेत का गुबार और दिन में ही अंधेरा सा छा गया। यही बवंडर धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया और दिल्ली-एनसीआर में दस्तक दी है। हवा की रफ्तार 60 से 70 किमी प्रति घंटे बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि अगले 24 घंटे काफी अलर्ट रहने की जरूरत है।
धूल भरी आंधी का असर आज शाम चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी रहा। उत्तर भारत के कई हिस्सों में कल तूफान के अंदेशे को लेकर मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए कई लोगों ने घरों में ही रहना बेहतर समझा। हरियाणा में स्कूल बंद करने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
आपको बता दें कि मौसम विभाग ने देश के 15 राज्यों में भारी आंधी-तूफान आने का अलर्ट जारी किया है। सोमवार रात करीब 9 बजे मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए चेतावनी में दिल्ली-NCR और उसके आसपास तेज आंधी-तूफान और हल्की बारिश को लेकर सचेत किया गया था।
त्रिपुरा में तूफान से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई और 1800 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा। अधिकारियों ने आज कहा कि राज्य में खोवई सबसे ज्यादा प्रभावित जिला रहा। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि रविवार को आए तूफान के बाद करीब 2500 लोग सरकारी इमारतों में आश्रय लेने को मजबूर हैं।