बेंगलुरू: वर्ष 2010 में चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुए विस्फोटों के मामले में यहां की एक अदालत ने आज 14 आरोपियों में से तीन को सात साल कैद की सजा सुनाई। एनआईए अदालत के न्यायाधीश सिद्दालिंगा प्रभु ने इन लोगों को सात साल के साधारण कारावास और एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने गत चार जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। तीनों लोगों - गौहर अजीज खोमानी , कमाल हसन और मोहम्मद कफील अख्तर ने उस दिन अपराध स्वीकार करते हुए अदालत में हलफनामा दायर किया था। (बुराड़ी मामला: 11 लोगों की मौत के सिलसिले में पुलिस 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की )
उन्होंने नरमी बरतने और कम सजा देने का आग्रह किया था। ये लोग मुकदमे के दौरान पहले ही छह साल जेल में गुजार चुके हैं। आरोपियों के वकील बालन ने कहा , ‘‘ उन्होंने काफी दबाव के बाद गुनाह कबूल किया क्योंकि वे पहले ही छह साल दो महीने जेल में गुजार चुके हैं। ’’
मामले में 14 आरोपी हैं। इनमें से सात जेल में हैं और कुछ अन्य फरार हैं। चिन्नास्वामी स्टेडियम के प्रवेश द्वार पर अप्रैल 2010 में तब पांच विस्फोटक लगाए गए थे जब वहां मुंबई इंडियंस और रायल चैलेंजर्स के बीच आईपीएल मैच होना था। इनमें से दो विस्फोटक फट गए थे जिनमें पांच सुरक्षाकर्मियों सहित 15 लोग घायल हुए थे।