नई दिल्ली: गुजरात के चुनावी रण में आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है। चुनावी दंगल में दोनों ओर से जुबानी जंग जारी है। गुजरात चुनाव प्रचार की कमान थामे राहुल गांधी जीएसटी के सहारे चुनावी नैया पार करने की जुगत में हैं। हर रैली में जीएसटी की नाकामी को जनता के सामने रख रहे हैं और कल सूरत की रैली में उन्होंने यहां तक दिया कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो जीएसटी को बदल देंगे। राहुल के इन हमलों का आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया। पीएम मोदी ने साफ कहा कि जीएसटी में सभी सुझावों को शामिल किया जा रहा है लेकिन कुछ लोगों को बदलाव दिख नहीं रहा।
पीएम मोदी ने आज कारोबारियों के सामने खुलकर बात की। इंडिया बिजनेस रिफॉर्म्स इवेंट कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जहां इज ऑफ डूइंग बिजनेस में वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में सुधार पर अपनी बात रखी तो जीएसटी को लेकर भी खुलकर सरकार के इरादों को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को भारत का 142 से 100वीं रैंकिंग समझ नहीं आती है। करना कुछ नहीं और जो कुछ लोग कर रहे हैं उनसे सवाल पूछे जा रहे हैं। मैं ऐसा पीएम हूं जिसने वर्ल्ड बैंक की बिल्डिंग तक नहीं देखी है जबकि पहले वर्ल्ड बैंक को चलाने वाले लोग यहां बैठा करते थे।
बता दें कि वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत की व्यापार सुगमता रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गई है। कारोबार सुगमता के 10 संकेतकों में से आठ को अमल में लाने से भारत की रैंकिंग सुधरी है। पीएम ने कहा, 'ईज ऑफ डूइंग बिजनस की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई थी। दरअसल यह बड़ा महत्वपूर्ण साल था। बिना नाम लिए यूपीए सरकार पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि इसके बाद 2014 तक किसकी सरकार रही, यह सबको पता है। मैं ऐसा पीएम हूं जिसने वर्ल्ड बैंक की इमारत भी नहीं देखी है। जबकि पहले वर्ल्ड बैंक को चलाने वाले लोग यहां बैठा करते थे। वर्ल्ड बैंक कि रैकिंग पर सवाल उठाने के बजाय मिल जुलकर न्यू इंडिया बनाने के लिए साथ मिलकर आग बढ़ें।'
जिसतरह से गुजरात चुनाव में जीएसटी से लेकर देश के आर्थिक हालात को विपक्ष खासकर राहुल गांधी मुद्दा बना रहे हैं उससे तो यही जाहिर हो रहा है कि ये चुनाव मोदी सरकार के आर्थिक नीति पर जनादेश है। हालांकि नोटबंदी को विपक्ष ने यूपी चुनाव में अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश की थी लेकिन जनता ने विपक्ष की दावों की हवा निकाल दी।