नयी दिल्ली: केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में हिंसा करने वालों की जल्द पहचान कर उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। भाजपा की सहयोगी पार्टी आरपीआई (ए) के प्रमुख आठवले ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि दिल्ली पुलिस की संयुक्त आयुक्त शालिनी सिंह के नेतृत्व वाली तथ्यान्वेषी टीम को जितनी जल्दी संभव हो अपना काम खत्म करना चाहिए ताकि घटना को अंजाम देने वालों को न्याय की पकड़ में लाया जा सके। जेएनयू हमला मामले की जांच इसी टीम को सौंपी गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी दोषी फिर चाहे वह वामपंथी हों या दक्षिणपंथी ‘‘सभी को जल्द न्याय की पकड़ में लाया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरु के नाम वाले विश्वविद्यालय को रोज-रोज गलत वजहों से सुर्खियों में देखकर पीड़ा होती है। भारत विरोधी नारों, संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की निंदा करने, सर्दियों वाले सत्र की पंजीकरण प्रक्रिया बाधित करने और छात्रावास की फीस में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों को लेकर जेएनयू का नाम लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्र प्रतिनिधियों से बातचीत कर छात्रावास की फीस घटाने पर विचार करना चाहिए। एक अन्य सवाल के जवाब में आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अगर जेएनयू परिसर में हमले की तुलना 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले से की है तो वह उचित नहीं है। दोनों अलग-अलग मामले हैं। खबरों के अनुसार, रविवार रात जेएनयू परिसर में छात्रों पर हुए हमले की निंदा करते हुए ठाकरे ने कहा था, ‘‘जब मैंने टीवी पर जेएनयू छात्रों पर हमले की खबर देखी तो मुझे 26/11 मुंबई हमला याद आ गया।’’