नई दिल्ली: भारत ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम के-4 मिसाइल को अरिहंत पनडुब्बी से लांच कर सफल परीक्षण किया था जिसके बाद अमेरिका, रूस और चीन स्तब्ध रह गये। सबसे खास बात यह है कि के-4 मिसाइल और अरिहंत पनडुब्बी दोनों को स्वदेश में ही विकसित किया गया है। के-4 की रेंज 3,500 किलोमीटर है, साथ ही यह दो हजार किलोग्राम गोला-बारूद अपने साथ ले जाने में सक्षम है। बंगाल की खाड़ी में अज्ञात जगह से मिसाइल को लॉन्च किया गया। (एक महीने में ही खुल गई योगी सरकार की पोल: अखिलेश यादव)
बता दें कि इस मिसाइल के टेस्ट को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव भी था, शायद तभी इसे लेकर चुप्पी बरती जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल सिस्टम बेहद खतरनाक है और दुनिया में अपने किस्म का पहला है।
आइए, आपको बताते हैं कि के-4 मिसालइल की क्या है खासियत?
- K-4 बैलेस्टिक मिसाइल को डीआरडीओ ने डेवलप किया है।
- इस मिसाइल को पानी के अंदर 20 फीट नीचे से भी फायर किया जा सकता है।
- 111 मीटर लंबी आईएनएस अरहिंत सबमरीन में एक बार में चार K-4 मिसाइल लोड की जा सकती हैं।
- डीआरडीओ अभी K सीरीज की तीन और मिसाइल डेवलप करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
- इससे पहले, मार्च में दो बार इस मिसाइल का बंगाल की खाड़ी में टेस्ट किया जा चुका है।
- इस टेस्ट के साथ ही भारत दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है जो पानी के भीतर से मिसाइल दाग सकते हैं।
- इससे पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन ही इस क्लब में शामिल थे।
- इसके साथ ही भारत ने जमीन, हवा और पानी के भीतर से लंबी दूरी की न्यूक्लियर मिसाइल लॉन्चिंग की ताकत हासिल कर ली है।
- इससे पहले K-4 का कई दूसरे नामों से 10 बार टेस्ट किया जा चुका है।
- डीआरडीओ के ऑफिसर्स के मुताबिक अगले कुछ सालों में मिसाइल आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में सर्विस दे सकती है।
- बताया जा रहा है कि K-4 अग्नि मिसाइल से बेहतर है।
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