नई दिल्ली: स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के मदरसों में एक लाख शौचालयों के निर्माण के लिए प्रक्रिया आखिरी चरण में है और जमीनी स्तर पर काम जल्द शुरू हो जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इसी साल मार्च में मदरसों के विकास के लिए 3टी (टीचर, टिफिन एवं टॉइलट) कार्यक्रम का फैसला किया था। इस कार्यक्रम के तहत मौजूदा वित्त वर्ष में मदरसों के भीतर एक लाख शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था मौलाना आजाद एजुकेशन फाउंडेशन (MAEF) मदरसों में शौचालयों के निर्माण का काम देख रही है।
MAEF ने वित्त वर्ष 2017-18 में मदरसों में शौचालयों के निर्माण के लिए गैर सरकारी संगठनों से आवेदन मंगाए थे। संस्थान के समक्ष कई गैर सरकारी संगठनों ने आवेदन किए हैं। MAEF के कोषाध्यक्ष शाकिर हुसैन अंसारी ने बताया, ‘मदरसों में शौचालयों के निर्माण के काम के क्रियान्वयन के लिए गैर सरकारी संगठनों से आवेदन मंगाए गए थे। कई संगठनों ने आवेदन किए है। बहुत जल्द उपयुक्त गैर सरकारी संगठनों का चयन किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।’ राज्य शिक्षा बोर्डों से मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा उन सभी मदरसों में शौचालयों का निर्माण कराया जाना है जहां धार्मिक शिक्षा के साथ मुख्यधारा की शिक्षा दी जा रही है।
अंसारी ने कहा, ‘कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा मदरसों में शौचालयों का निर्माण कराया जाए। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि इस वित्त वर्ष के आखिर तक मदरसों में एक लाख शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। MAEF इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रहा है।’ MAEF का कहना है कि मदरसों के लिए टी3 कार्यक्रम के दो अन्य पहलुओं टीचर और टिफिन में थोड़ा समय लग सकता है। अंसारी ने कहा, ‘शिक्षक और मिड डे मील मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े मामले हैं। ऐसे में कुछ तकनीकी दिक्कत पैदा हुई है। उम्मीद की जानी चाहिए कि मंत्रालयों के स्तर पर इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा।’