नई दिल्ली। भारत-चीन के बीच पिछले 5 महीनों से जारी सीमा विवाद जारी है। इस बीच विवाद को सुलझाने के लिए आज सोमवार (21 सितंबर) को कोर कमांडर स्तर की छठे दौर की वार्ता जारी है। भारत और चीन के बीच सोमवार को कोर कमांडर स्तर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन वाले हिस्से मोल्दो में सुबह 9 बजे से शुरू हुई। भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान पहली बार विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए हैं।
पिछली वार्ताओं की तरह इस बार भी भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे। भारत-चीन के बीच होने वाली कमांडर लेवल की बातचीत में अधिक से अधिक ठोस परिणाम हासिल किया जा सके इसके लिए भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों को शामिल करने की ये रणनीति अपनाई है। विदेश मंत्रालय की ओर संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव इस प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा हैं। विदेश मंत्रालय में चीन डेस्क के प्रभारी हैं। सीमा विवाद को लेकर सबसे ज्यादा अपडेट उनके पास है। कमांडर स्तर की बातचीत में इनके रहने से बातचीत को हैंडल करने में मदद मिलेगी।
भारतीय दल में शामिल हैं ये अधिकारी
मोल्दो में जारी इस वार्ता में 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और विदेश मंत्रालय की ओर संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव के साथ सेना मुख्यालय के लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, जीओसी त्रिशूल डिविजन मेजर जनरल अभिजीत बापट, जीओसी डाव डिविजीन मेजर जनरल पदम शेखावत शामिल होंगे। इसके अलावा आईजी आईटीबीपी दीपम सेठ, ब्रिगेडियर आपरेशंस, ब्रिगेड कमांडर 114, ब्रिगेड कमांडर 81, कर्नल इंटेलिजेंस, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक चीनी इंटरसेप्टर और अन्य तीन इस बैठक का हिस्सा होंगे।
चीन के राजनयिक भी वार्ता में हो सकते हैं शामिल
बताया जा रहा है कि वार्ता में चीन की तरफ से भी उनके राजनयिक आ सकते हैं। कमांडर लेवल की बातचीत में राजनयिक और आर्मी हेडक्वार्टर के सीनियर ऑफिसर के रहने के फायदे की बात करें तो मास्को में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच पांच बिंदुओं पर बनी सहमति को जमीन पर लागू करवाने का प्रयास किया जा रहा है। इस बातचीत को लेकर हम गंभीरता से कोशिश कर रहे है, इसका भी प्रमाण है। जरूरत पड़ने पर नेगोसिएशन के दौरान on spot फैसले लिए जा सकेंगे। LAC पर तनाव घटने से एक माहौल बनेगा ताकि निकट भविष्य में मोदी-जिनपिंग की मुलाकात हो सके। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनातनी के बीच भारत और चीन लगातार वार्ता के जरिए सीमा विवाद का हल निकालने की कोशिश में लगे हुए हैं।