लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 143वीं पुण्यतिथि के मौके पर 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' का अनावरण किया। मात्र 4 साल के भीतर निर्मित हुई इस प्रतिमा की कुल ऊंचाई 182 मीटर है। इसको बनाने की लागत 2989 करोड़ रुपए आई है। भारत की शान बनी स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति भी बन गई है। इससे पहले दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति चीन में थी। आइए जानते हैं दुनिया की 5 सबसे ऊंची मूर्तियों के बारे में (कुतुब मीनार से ढाई गुना और सामान्य आदमी से 100 गुना ऊंची होगी सरदार पटेल की प्रतिमा, जानिए 10 खास बातें)
स्प्रिंग टेंपल (चीन)
यह मूर्ति चीन के हेनान प्रांत में लुसान नामक स्थान पर स्थित है। भगवान बुद्ध इस मूर्ति की स्थापना 2002 में हुई थी। इसकी कुल ऊंचाई 153 मीटर है। यह प्रतिमा 20 मीटर ऊंचे कमल पर मौजूद है।
लेतकुन सेतक्यार (म्यामार)
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के अस्तित्व में आने के बाद दुनिया की यह तीसरी सबसे ऊंची मूर्ति म्यामार के मोन्यावा में है। यह मूर्ति भी गौतम बुद्ध की है। इसकी ऊंचाई 130 मीटर है। यह मूर्ति 13.5 मीटर ऊंचे सिंघासन पर खड़ी है।
उशीकू दाइबुत्सु (जापान)
दुनिया की चौथी सबसे ऊंची मूर्ति जापान में है। यह मूर्ति कांसे से तैयार की गई है। इसकी लंबाई 120 मीटर है।
गुआन यिन (चीन)
बौद्ध देवी की यह प्रतिमा चीन के हैनान प्रांत में है। इसकी ऊंचाई 108 मीटर है। इस मूर्ति को बनने में 6 साल का वक्त लगा।