नई दिल्ली: यदि हम आपसे कहें कि टाटा कम्पनी द्वारा एक ऐसी कार बनाई जा रही है जिसको चलाने के लिए ड्राइवर का सीट पर बैठना तो जरूरी है लेकिन उसे गाड़ी चलाने की आवश्यक्ता नहीं होगी। तो शायद आपको इस बात पर विश्वास ना हो लेकिन यह बात शत-प्रतिशत सच है। टाटा जो भारत की सभी बड़ी कम्पनियों में से प्रथम स्थान पर है उसके द्वारा इस चालक रहित स्मार्ट कार का निर्माण किया जा रहा है। इसके अंतर्गत ब्रिटिश सरकार द्वारा इस कार पर रू 1.63 अरब का निवेश किया गया है। टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी ब्रिटिश कम्पनी जगुआर लैंड रोवर के द्वारा इस चालक रहित स्मार्ट कार को बनाया जा रहा है तथा रैंज रोवर स्पोर्ट्स के रूप में इस साल के अंत तक ब्रिटेन में इस कार को उतार दिया जाएगा। इसके अलावा ब्रिटेन में ही गुरूवार को इस कार का ट्रायल किया गया था जिसे अत्याधुनिक तकनीक व साफ्टवेयर से बनाया गया है। (प्रेमी ने ली बच्ची की जान, कारण जानकर दंग रह जाएंगे आप)
चालक रहित स्मार्ट कार को बनाने के लिए कम्पनी ने 5000 कर्मियों की भर्ती की थी तथा एक हजार साफ्टवेयर इंजीनियर को काम पर लगाया गया था। स्वचालित कारों में लेवल 5 मानक की कारों के लिए ड्राइवर की आवश्यक्ता नहीं होती परन्तु यह लेवल 4 मानक की कार है जिसे चलाने के लिए ड्राइवर का होना आवश्यक है। इस कार में ग्रीन लाइट ऑप्टिमल स्पीड एडवाइजरी लगाई गई है जिसके द्वारा इसे ट्रैफिक सिग्नल की बत्तियों की जानकारी मिलती रहेगी। इस कार में दो कैमरे लगाए गए है जो आंखो का काम करते है, एक कैमरा कार के ऊपर लागाया गया है तथा दूसरा डैशबोर्ड पर। इसमें एक सेंसर भी फिट किया गया है जो आस-पास मौजूद पार्किंग और पार्किंग में खाली स्थान होने की जानकारी देता है।
कार में रोडियो फ्रीक्वेंसी करेक्शन डिवाइस लगने से कार के अगल-बगल होते ही यह तुरंत कार को नियंत्रित करता है। इसमें इंटरसेक्शन कोलिजन सिस्टम लगा हुआ है जिससे सड़क पर किसी वाहन से टकराने का खतरा होते ही यह कार में बैठे चालक को सूचित करेगा। ऑटोमोटिव वाईफाई लगने से यह कार सड़क पर अन्य कारों से सामंजस्य बना कर रखेगी तथा आपस में टकराएंगी नहीं तथा इसी कनेक्शन के जरिए कार को एंबुलेंस, दमकल और पुलिस की वाहन आने का पता लगेगा, पता लगते ही वह खुद ही उन कारों के लिए किनारा हो जाएगी। (प्रेम कहानी की खौफनाक दास्तान, पति और सास की गला रेत कर की हत्या की कोशिश )