Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. लाल बहादुर शास्त्री के निधन का सच एक दिन जरूर सामने आएगा : सुनील शास्त्री

लाल बहादुर शास्त्री के निधन का सच एक दिन जरूर सामने आएगा : सुनील शास्त्री

पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र सुनील शास्त्री का कहना है कि उनके पिता के देहांत के 52 साल हो चुके हैं, लेकिन परिवार को अभी भी उम्मीद है कि एक न एक दिन सच सामने आएगा।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: August 14, 2018 17:15 IST
Lal Bahadur Shastri and Sunil shashtri- India TV Hindi
Lal Bahadur Shastri and Sunil shashtri

मुंबई: 'लाल बहादुर शास्त्री का निधन - एक अधूरी कहानी' शीर्षक वाली एक नई वेब श्रंखला बुधवार को स्वतंत्रता दिवस पर रिलीज के लिए तैयार है। पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र सुनील शास्त्री का कहना है कि उनके पिता के देहांत के 52 साल हो चुके हैं, लेकिन परिवार को अभी भी उम्मीद है कि एक न एक दिन सच सामने आएगा। सुनील ने एक बयान में कहा, "शास्त्री का निधन कैसे हुआ, यह सवाल अभी भी बना हुआ है। जब मेरे पिता ने ताशकंद से फोन किया तो मेरे परिवार ने उन्हें सूचित किया कि संधि पर हस्ताक्षर करने के उनके फैसले से यहां लोग बहुत निराश हैं। हालांकि उन्हें पूरा विश्वास था कि जब वहां आएंगे और बताएंगे तो सभी लोग बहुत खुश होंगे। लेकिन उनके भाग्य में यही लिखा था कि वह यहां नहीं पहुंचे और न ही किसी को बता पाए।"

उन्होंने कहा, "रसोइया जान मोहम्मद मेरे पिता की मौत में प्रमुख संदिग्ध था। उसके ऊपर उन्हें जहर देने का शक जताया जा रहा था। अजीब ढंग से उसे ताशकंद घोषणा के बाद ही भर्ती किया गया था और वह राजदूत टी.एन. कौल का भी रसोइया था, जिसने हमारे संदेह को और मजूबत किया।" सुनील ने कहा कि उनकी दादी ने शास्त्री के शव को देखने के बाद आश्चर्य जताया, "यह चौंका देने वाला था कि देश के प्रधानमंत्री की मौत हो गई और किसी ने इस पर कोई सवाल तक नहीं उठाया।" लाल बहादुर शास्त्री का निधन 1966 में हुआ था।

शास्त्री के पड़पोते सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, "उस दुर्भाग्यपूर्ण दिन जब हमारे पास फोन आया तो मेरी मां ने बताया कि फोन करने वाले ने रोते हुए कहा कि शास्त्री जी नहीं रहे। जब उनका पार्थिव शरीर भारत आया तो उनके शरीर पर कटने के निशान थे और उनका चेहरा नीला पड़ा हुआ था। उन्हें जहर देने का साफ संकेत थे। उस दिन के बाद से न तो हमें मृत्यु प्रमाणपत्र दिया गया और न ही कोई पोस्टमार्टम किया गया।"

उन्होंने कहा, "क्या यह एक इत्तेफाक है कि हृदय रोगी शास्त्री जी पूर्व निर्धारित स्थान पर नहीं रह रहे थे? जिस कमरे में वह थे, उसमें बजर तक नहीं था, साथ ही उनके चिकित्सक का कमरा भी काफी दूर था?" सुनील ने कहा, "उनके निधन के 52 साल बाद भी परिवार को उम्मीद है कि एक न एक दिन सच सबके सामने आएगा।" (IANS)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement