मुंबई/दिल्ली: अगले महीने केंद्र सरकार एक ऐसी योजना लाने जा रही है कि जिसके बाद देश के अकूत संपत्ति वाले मंदिर अपना खजाना खोल सकते हैं। इस योजना का मकसद मंदिरों को ब्याज के बदले बैंक में सोना जमा करने के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार उस सोने को पिघला कर सुनारों को ब्याज पर देगी। सुनार उस सोने का इस्तेमाल गहने बनाने में करेंगे।
भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां सबसे ज़्यादा सोना ख़रीदा-बेचा जाता है। देश के प्राचीन मंदिरों में आभूषण, सिक्कों और ईंटों की शक्ल में सोना बेशुमार है। ये अकूत दौलत मंदिरों के तहखानों में रखी है। ये तहखाने ज्यादातर उतने ही पुराने हैं जितने पुराने कि मंदिर स्वयं हैं। कुछ एक मंदिरों में तो आपको आधुनिक तहखाने भी मिलेंगे।