अहमदाबाद: केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि गुजरात के वड़नगर में चाय की जिस दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बचपन में चाय बेचते थे, उसे पर्यटन स्थल के तौर विकसित किया जाएगा।
शर्मा ने कल गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा था, वड़नगर रेलवे स्टेशन में एक छोटी सी चाय की दुकान है, जहां से संभवत: प्रधानमंत्री ने अपने जीवन की यात्रा शुरू की थी। हम चाय की उस दुकान को भी पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना चाहते हैं। हम टी स्टॉल को आधुनिक स्वरूप देते हुए इसके मूल सौंदर्य को भी संरक्षित रखेंगे। हमारा उद्देश्य वड़नगर को वि पर्यटन के नक्शे पर लाना है।
हालांकि आज उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में सफाई देते हुए कहा कि वड़नगर रेलवे स्टेशन को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना है, लेकिन चाय की दुकान की शक्ल बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। शर्मा ने एक बयान में कहा, पर्यटन मंत्रालय रेल मंत्रालय के साथ वड़नगर रेलवे स्टेशन को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित कर रहा है। हमने योजना पर विचार-विमर्श कर लिया है। फिलहाल चाय की दुकान का स्वरूप बदलने की कोई योजना नहीं है। वड़नगर रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफॉर्म पर यह चाय की यह दुकान है।
संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने कल इस शहर का दौरा किया था। अधिकारियों के दल की अगुवाई शर्मा ने की जिन्होंने बाद में घोषणा की थी कि चाय की दुकान को आधुनिक स्वरूप देते हुए इसके मूल सौंदर्य को संरक्षित किया जाएगा।
शर्मा ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री की जन्मस्थली होने के साथ ही वड़नगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र है जहां प्रसिद्ध शर्मिष्ठा झाील और एक बावड़ी है। एएसआई को हाल ही में वहां खुदाई के दौरान एक बौद्ध मठ के अवशेष मिले थे। उत्खनन कार्य अब भी चल रहा है।
2014 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी रैलियों में अकसर इस बात का जिक्र करते थे कि वह अपने बचपन के दिनों में वड़नगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता के साथ चाय बेचते थे। अहमदाबाद मंडल के मंडलीय रेल प्रबंधक (डीआरएम) दिनेश कुमार ने भी पहले कहा था कि वड़नगर और मेहसाणा जिले में उससे लगे इलाकों के विकास की पूरी परियोजना 100 करोड़ रुपये से अधिक की होगी।
कुमार ने कहा था, वड़नगर रेलवे स्टेशन का विकास वड़नगर, मोधेरा और पाटन को पर्यटन स्थलों के तौर पर विकसित करने की 100 करोड़ रुपये की परियोजना का एक हिस्सा है। फिलहाल पर्यटन मंत्रालय ने रेलवे स्टेशन के विकास के लिए राज्य पर्यटन विभाग को आठ करोड़ रुपये दे दिये हैं।