Sunday, December 22, 2024
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लॉकडाउन के बाद संक्रमण के मामलों में वृद्धि के खतरे को काबू में रखना असली परीक्षा होगी: अमरिंदर सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को नागरिक और पुलिस प्रशासन को हाई अलर्ट बनाये रखने के लिए कहा और आगाह किया कि लॉकडाउन में छूट के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के खतरे को काबू में रखना ‘‘असली परीक्षा’’ होगी।

Reported by: Bhasha
Published : May 18, 2020 22:11 IST
Amarinder Singh
Image Source : PTI Amarinder Singh

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को नागरिक और पुलिस प्रशासन को हाई अलर्ट बनाये रखने के लिए कहा और आगाह किया कि लॉकडाउन में छूट के बीच कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के खतरे को काबू में रखना ‘‘असली परीक्षा’’ होगी। सिंह ने साथ ही परिवहन विभाग को निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर अन्य स्थानों पर स्थानीय बस सेवा बहाली के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने हालांकि 31 मई तक अंतरराज्यीय बस सेवा की संभावना खारिज कर दी।

उन्होंने ‘‘पाबंदियों में छूट शुरू होने के साथ लोगों के एक-दूसरे से मिलने जुलने के परिणास्वरूप संक्रमण के प्रसार के खतरे को असली परीक्षा’’ करार दिया। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निगरानी समन्वय और कोविड-19 के खिलाफ सभी परामर्श का सख्त अनुपालन हो। उन्होंने पुलिस विभाग से, एक-दूसरे से दूरी बनाये रखने के नियम और अन्य कोविड-19 रोकथाम प्रोटोकोल के अनुपालन को लेकर सख्ती बरतने और मास्क लगाए बिना बाहर निकलने वालों पर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश एक वीडियो कान्फ्रेंस के दौरान दिये जिसका आयोजन राज्य में कोविड-19 की स्थिति और जारी लॉकडाउन की समीक्षा के लिए किया गया।

उन्होंने परिवहन विभाग से एक जगह से दूसरी जगह की यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों को लेकर एक कड़ा प्रोटोकॉल लागू करने के लिए कहा। साथ ही यह भी कहा कि अंतर-राज्यीय बसें 31 मई के बाद से चलनी शुरू होंगी। सिंह ने यह स्पष्ट किया कि अंतरराज्यीय आवागमन को कम से कम 31 मई तक केवल विशेष और श्रमिक ट्रेनों में ही अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में बसों को चरणबद्ध तरीके से चलने की अनुमति दी जाएगी। यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि गैर निषिद्ध क्षेत्रों में सेवा को फिर से शुरू करने से पहले बसों को प्रतिदिन कीटाणुमुक्त करने सहित मानक संचालन प्रक्रिया की एक सूची जारी की जाएगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सतीश चंद्र ने बताया कि केंद्र द्वारा ‘कलर कोडिंग’ समाप्त करने के राज्य के अनुरोध को मान लेने के तहत राज्य में अब केवल निषिद्ध क्षेत्र और गैर निषिद्ध क्षेत्र होंगे। प्रवासियों, प्रवासी भारतीयों का विशेष ट्रेन या उड़ानों से राज्य में प्रवेश जारी रहने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें पृथक करने के नियम के सख्त अनुपालन के संबंध में अपने पूर्ववर्ती निर्देशों को दोहराया। उन्होंने कहा कि अभी तक 60 हजार पंजाबियों ने राज्य में वापसी के लिए अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि साथ ही 20 हजार प्रवासी भारतीयों के भी वापस आने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्वेच्छा से अन्य राज्यों के प्रवासियों और अन्य लोगों को वापस भेज रहा है। राज्य 7.5 लाख रुपये प्रति ट्रेन का खर्च कर रहा है। हालांकि अन्य राज्य इस तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और वहां से पंजाबियों को वापस भेजने के लिए उनकी सरकार से व्यवस्था करने को कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के विशेष पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले 11 लाख प्रवासियों में से अभी तक दो लाख से अधिक प्रवासी, राज्य से रवाना हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 20 ट्रेनें पंजाब से रवाना हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए और ट्रेनों की जरूरत है लेकिन राज्य इस समय और लोगों को लेने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि उनकी पृथक-वास इकाइयां भर गई हैं।

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