दार्जिलिंग: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) द्वारा उत्तरी बंगाल के पहाड़ी इलाके दार्जिलिंग में आहूत अनिश्चितकालीन बंद के बीच पार्टी अध्यक्ष बिमल गुरुंग ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार को चुनौती देते हुए ऐलान किया कि पृथक गोरखालैंड राज्य के लिए आंदोलन 'किसी भी कीमत पर' जारी रहेगा। गुरुंग ने कहा, "गोरखालैंड आंदोलन हमारे समुदाय के विकास की लड़ाई है। अन्य मांगें बाद में भी पूरी की जा सकती हैं, लेकिन हमारे लिए समुदाय की स्वतंत्रता पहले है। अगर समूचे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को भी यहां भेज दिया जाए, तो भी हमारा आंदोलन जारी रहेगा।"
राज्य पुलिस पर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कड़ी चेतावनी दी कि वे उनके आंदोलन से निपटने के लिए 'अलोकतांत्रित तरीकों' का इस्तेमाल न करें। उन्होंने आरोप लगाया, "हमारा आंदोलन और रैली लोकतांत्रित तरीके से आगे बढ़ रही थी। पुलिस ने हमें रोकने के लिए अलोकतांत्रिक तरीके अपनाए। वे (पुलिस) तृणमूल कार्यकर्ताओं की तरह काम कर रहे हैं।"
गुरुंग ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, "जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक सड़कों पर कैंप कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें इस बात से अवगत होना चाहिए कि जो लोग उनकी सुरक्षा कर रहे हैं, वे भी गोरखा हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि वे आने वाले दिनों में रात-दिन उनकी सुरक्षा नहीं कर पाएंगे।" मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक की ओर इशारा करते हुए उन्होंने दावा किया कि पहाड़ी इलाके के सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर काम करने का फैसला किया है।
राज्य सरकार पर पहाड़ी इलाकों में 'राजनीतिक तानाशाही' का आरोप लगाते हुए गुरुं ग ने पर्यटकों तथा वहां काम करने वाले लोगों से अपील की कि वे हालात पर विचार करें और यहां ठहरने पर पुनर्विचार करें। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा, "यहां लाठीचार्ड जैसी घटनाएं रोजाना हो रही हैं। ऐसे हालात में काम या पर्यटन कैसे संभव है।"