लखनऊ : चैत्र नवरात्र की शुरुआत पर काशी सहित उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। चैत्र नवरात्र के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा हो रही है।
राज्य के दूर-दराज इलाके से श्रद्घालु देवी मां के दर्शन के लिए काशी पहुंच रहे हैं और परिवार की सुख-शांति के लिए मन्नतें मांग रहे हैं।
काशी के अलावा इलाहाबाद, लखनऊ , कानपुर, मेरठ और झांसी में मंदिरों के बाहर सुबह से ही श्रद्घालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। पुलिस प्रशासन ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने के लिए मंदिर परिसरों के बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर के पुजारी छोटेलाल तिवारी ने बताया कि भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। इनका वाहन वृषभ है।
तिवारी ने बताया कि उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हें पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी और इनके दर्शन मात्र से वैवाहिक कष्ट दूर होते हैं।
आचार्य अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि नवरात्रि में देवी की पूजा का खास महत्व है। दुर्गा का अर्थ है परमात्मा की वह शक्ति, जो स्थिर और गतिमान है, लेकिन संतुलित भी है। किसी भी तरह की साधना के लिए शक्ति का होना जरूरी है। यह शक्ति हमें देवी मां की पूजा करने से मिलती है।