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चीनी पीएलए ने भारतीय सेना की एक पूरी कंपनी को घेर लिया था, कंटीले तारों और पत्थरों से किया था हमला

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए।

Reported by: IANS
Published on: June 17, 2020 17:18 IST
Galwan Valley- India TV Hindi
Image Source : PTI Galwan Valley

नई दिल्ली: चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार रात लगभग 120 भारतीय सैनिकों (करीबन एक पूरी कंपनी) को घेर लिया और उन पर कपटपूर्ण तरीके से बर्बरतापूर्ण हमले किए। यह जानकारी बुधवार को सूत्रों ने दी। सूत्रों ने खुलासा किया है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के सामने हथियार तानते हुए कई जवानों पर बर्बर तरीके से हमले किए और जब तक उन्होंने प्राण नहीं त्याग दिए, तब तक उन्हें शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया गया।

सूत्रों ने कहा कि उस समय भारतीय सैनिक हथियारों का उपयोग न करने के सरकारी निर्देशों के कारण असहाय थे। जैसा कि आईएएनएस को पता चला है, यह दोनों सेनाओं के बीच महज लात-घूंसों वाली लड़ाई नहीं थी, बल्कि पीएलए के सैनिकों ने भारतीय सैनिकों के खिलाफ सभी प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया। जबकि भारतीय सैनिकों ने विपरीत परिस्थितियों में भी बहादुरी से सामना किया और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की।

इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गलवान घाटी में पैट्रोलिंग पॉइंट नंबर-14 पर जब चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने भारतीय सेना के जवानों पर हमला किया, तब इनकी संख्या पीएलए की अपेक्षा महज 1:5 के अनुपात में थी। छह से सात घंटे तक गलवान नदी के पास चली झड़प के बारे में बात करते हुए भारतीय सेना के एक अधिकारी ने कहा, "हमारी संख्या कम थी।"

दोनों पक्षों के बीच सोमवार रात हुई झड़पों के बारे में सरकार के सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर बुरी तरह से हमला किया। सूत्रों ने बुधवार को कहा, "भारतीय सैनिकों के खिलाफ संख्या बढ़ाई गई थी। फिर भी, भारतीय पक्ष ने पीएलए से लड़ने का फैसला किया। भारतीय सैनिकों की संख्या चीनी सैनिकों की अपेक्षा 1:5 अनुपात में थी।" यह भी बताया जा रहा है कि चीन ने भारतीय सैनिकों का पता लगाने के लिए थर्मल इमेजिंग ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था।

सरकारी सूत्रों ने कहा, "हमारी याद में यह चीनी सेना द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर किया गया सबसे घातक हमला था।" सूत्रों ने बताया कि हमले में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू यह देखने के लिए गए थे कि चीनी सैनिक स्टैंड-ऑफ स्थिति से हट गए हैं या नहीं। क्योंकि ऐसा करने का उनकी ओर से वादा किया गया था। मगर संतोष बाबू उक्त स्थान पर पहुंचे तो वे वहां लगा शिविर देखकर आश्चर्यचकित थे। जबकि पीएलए के सैनिक उग्र हो उठे। चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर बेरहमी से हमला कर दिया।

भारतीय सेना ने कहा कि भारतीय सैनिक उस स्थान पर गए थे, जहां तनाव हुआ था। भारतीय जवान वहां बिना किसी दुश्मनी के चीनी पक्ष के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार के साथ केवल यह जांचने के लिए गए थे कि क्या वे वादे के अनुसार डी-एस्केलेशन समझौते का पालन कर रहे हैं या नहीं। भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया, "लेकिन वे फंस गए और उन पर विशुद्ध रूप से बर्बर हमला किया गया। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर हमला करने के लिए सभी तरह के कंटीले तारों और पत्थरों का इस्तेमाल किया।"

सरकारी सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना के कई जवान गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि शहीद होने वाले भारतीय जवानों की संख्या में और इजाफा हो सकता है, क्योंकि गंभीर रूप से घायल सैनिकों की संख्या 10 से अधिक है। भारतीय सेना के अधिकारी ने हालांकि संख्या बताने से इनकार कर दिया और सिर्फ इतना कहा कि कई जवान घायल हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को भारतीय हेलीकॉप्टरों ने गलवान घाटी में हमले के स्थल से जवानों के पार्थिव शरीर और घायल भारतीय जवानों को लाने के लिए करीब 16 बार उड़ानें भरी।

भारतीय सेना के जवानों के चार शव बुधवार सुबह गलवान घाटी से लेह लाए गए। भारतीय सेना ने मंगलवार को कहा था कि भारतीय सेना के 20 जवान (जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं) सोमवार की रात गलवान घाटी में पीएलए के सैनिकों के साथ एक अभूतपूर्व हिंसक झड़प में शहीद हो गए हैं। सेना ने यह भी कहा कि शहीद होने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

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