श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर के शोपियां जिले में सोमवार तड़के सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में 2 आतंकी मारे गए है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मुठभेड़ जिले के मोलू-चित्रगाम इलाके में हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुठभेड़ की जगह से सुरक्षा बलों को 2 बॉडी मिली हैं जिनमें एक आतंकी और एक उसका मददगार है। बताया जा रहा है कि आधी रात के आसपास 44 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों के ऊपर आतंकियों ने गोलीबारी की थी, जिसका आर्मी ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मी की जवाबी कार्रवाई कुछ ही देर चली और 2 आतंकियों को मार गिराया गया है। पुलिस सूत्रों ने कहा, 'मारे गए आतंकवादी की पहचान फिरदौस अहमद भट और ओवर ग्राउंड वर्कर या मददगार के रूप में सजाद अहमद डार के रूप में की गई है, दोनों कुलगाम जिले के हैं। मारा गया आतंकवादी और ओजीडब्ल्यू किस समूह से जुड़े थे, इसका पता लगाया जा रहा है।' आपको बता दें कि इस साल के पहले 5 महीने में कश्मीर में 23 विदेशी समेत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बड़ी संख्या में आतंकियों की भर्ती को लेकर है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि मार्च महीने से 50 युवक अनेक आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं और सुरक्षा एजेंसियों को उन तक जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रोकने का बेहतर तरीका खोजना होगा।
अधिकारियों ने कहा कि 2019 में 31 मई तक 101 आतंकी मारे गए जिनमें 23 विदेशी और 78 स्थानीय आतंकी शामिल हैं। इनमें अल-कायदा से जुड़े समूह अंसार घजवत-उल-हिंद का प्रमुख जाकिर मूसा जैसे शीर्ष कमांडर शामिल हैं। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के अंसार घजवत-उल-हिंद में शामिल होने के मामले बढ़ गए हैं। 23 मई को मूसा के मारे जाने के बाद खासतौर पर ये मामले देखे गये हैं। आतंकवाद से मुकाबला करने या इसके लिए रणनीति बनाने में शामिल अधिकारियों का मानना है कि आतंकवाद निरोधक नीति पर पुनर्विचार की जरूरत है।
अधिकारियों का मानना है कि इसके अलावा युवाओं को आतंकवाद की बुराइयां समझाने के लिए उनके तथा उनके माता-पिता के साथ बात करने की जरूरत है। मारे गए आतंकवादियों में सर्वाधिक संख्या शोपियां से है जहां 16 स्थानीय आतंकियों समेत 25 आतंकवादी मारे गए। पुलवामा में 15, अवंतीपुरा में 14 और कुलगाम में 12 आतंकी मारे गए। हालांकि दक्षिण कश्मीर के इन अति संवेदनशील क्षेत्रों से युवाओं के विभिन्न आतंकी समूहों में शामिल होने का सिलसिला भी जारी है।