नई दिल्ली: दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए धमाके में आज सुबह से 'जैश-उल-हिन्द' नाम के संगठन के द्वारा ब्लास्ट की जिम्मेदारी लेने संबंधित स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा था जोकि टेलीग्राम का बताया जा रहा है। उसकी सच्चाई जानने के लिए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी हैं। पता लगाया जा रहा है कि इसे किस टेलीग्राम एकाउंट से फ़्लैश किया गया और वो एकाउंट कब और कहां बनाया गया है।
इस आईडी ब्लास्ट के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल दिल्ली में रह रहे कुछ ईरानी नेशनल से पूछताछ कर रही है। इनमे वो ईरानी लोग भी शामिल है जिनके वीजा एक्सपायर हो चुके है और वो अवैध तरीके से भारत में रह रहे है। इजराइली दूतावास के बाहर विस्फोट स्थल से एक लिफाफा बरामद हुआ था सूत्रों के मुताबिक उसमें लिखा है कि हमारा मकसद आम लोगों को नुकसान पहुंचाना नही है, इजरायल एम्बेसी के एम्बेसडर के नाम यह लैटर लिखा गया है जिसमें लिखा है कि ये ट्रायल भर है। हमारे वैज्ञानिक और जनरल को जो मारा गया है, उसका बदला लेने के लिए ये एक ट्रेलर भर है।
क्राइम ब्रांच की भी एक टीम दिल्ली ब्लास्ट मामले पर काम कर रही है। ये टीम कैब के पिक एंड ड्राप पर काम कर रही है। ब्लास्ट से पहले अब्दुल कलाम रोड पर 3 घंटे तक कितने लोगों को कैब से पिक किया गया और ड्राप किया गया। ओला और उबेर कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है और उनसे 29 तारीख को 3 बजे से लेकर 6 बजे तक के बीच की गाड़ियों की डिटेल्स निकाली जा रही है, जो उस दौरान अब्दुल कलाम रोड पर मौजूद थी। जिन्होंने वहां से किसी को पिक किया या ड्राप किया। इसके अलावा पहले पूरी सड़क की सीसीटीवी 3 घंटे की ली गई थी। अब 3 दिन की फुटेज ली जा रही है। 3 दिन की रूट सेल आईडी मतलब डंप डेटा लिया गया है।