नई दिल्ली: झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड के टोरी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी के अनुयायी ‘ताना भगतों’ ने भूमि कानूनों में अपने हितों के अनुसार बदलाव की मांग के साथ अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर रेल मार्ग जाम कर दिया है। रेलवे अधिकारी का कहना है कि इस कारण गुरुवार सुबह से ही जहां रांची जा रही राजधानी एक्स्प्रेस ट्रेन डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर रुकी हुई है, वहीं नई दिल्ली से रांची और हावड़ा के रेल मार्ग पर चलने वाली 70 से अधिक मालगाड़ियां भी बुधवार शाम से बाधित हो गई हैं।
इस अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी के कारण डाल्टनगंज रेलवे स्टेशन पर फंसी रांची राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों को पलामू जिला प्रशासन ने 32 निजी बसों में रांची एवं उनके अन्य गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया। पलामू के उपायुक्त शशि रंजन ने बताया कि रांची राजधानी के 714 यात्रियों को डाल्टनगंज से दोपहर लगभग एक बजे रांची तथा उनके अन्य गंतव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया। रेलवे ने यात्रियों के लिए कुल 32 बसों की व्यवस्था राज्य सरकार के सहयोग से की है।
उन्होंने बताया कि यह ट्रेन सुबह साढ़े पांच बजे डाल्टनगंज पहुंची थी जिसे लातेहार जिले के टोरी रेलवे स्टेशन के पास आदिवासी समाज के ताना भगतों के रेलवे लाइन पर चल रहे धरने के चलते रोक लिया गया था। इससे पहले शशि रंजन एवं पुलिस अधीक्षक अजय लिंडा डालटनगंज रेलवे स्टेशन पहुंचे और राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों से मुलाकात कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाये जाने के प्रति आश्वस्त किया।
धनबाद रेल मंडल के बरकाकाना स्थित मंडल यातायात प्रबंधक मनीष सौरभ ने बताया कि झारखंड के गुमला और आसपास के जिलों के रहने वाले आदिवासी ताना भगतों ने भूमि कानून छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम में संशोधन और वनों पर अपने अधिकार की मांग को लेकर बुधवार शाम से टोरी जंक्शन पर धरना प्रारंभ कर दिया जिससे बरकाकाना-बरवाडीह रेल खंड पर रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
झारखंड में ‘ताना भगत’ आदिवासियों का एक समुदाय है जो महात्मा गांधी का अनुयायी है। इन लोगों ने आजादी की लड़ाई के दौरान भी अंग्रेजों के खिलाफ 1914 से 1919 तक संघर्ष किया था। उनकी मांग है कि जंगल और पहाड़ी क्षेत्र उनके हैं वहां उन्हें पूरा अधिकार दिया जाये और उनसे किसी भी प्रकार का लगान न लिया जाये। इसके साथ ही वह अधिनियम में अपने हितों के अनुकूल संशोधन की भी मांग कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस तरह के धरने से जहां कोयले के यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ा है वहीं रेलवे को भारी आर्थिक क्षति भी हुई है। इस बीच झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि लातेहार में रेलवे ट्रैक पर ताना भगतों के धरने के बाद लातेहार के उपायुक्त जीशान कमर को उनसे बातचीत के लिये मौके पर भेजा गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जल्दी ही मामला सुलझा लिया जायेगा।