तमिलनाडु के पटाखा निर्माताओं ने सिर्फ पर्यावरण अनुकूल पटाखे ही जलाने की इजाजत देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ मंगलवार को पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया। राज्य का शिवकाशी पटाखा निर्माण का केंद्र है।
तमिलनाडु फायरवर्क्स एंड एमोर्सेज मैनुफेक्चरिंग एसोसिएशन ने पटाखे फोड़ने पर पूर्ण रोक नहीं लगाने वाले शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पर्यावरण अनुकूल पटाखे जैसी कोई चीज नहीं होती है। संगठन ने यह संकेत दिया है कि ऐसे पटाखों का उत्पादन करना मुश्किल होगा।
संगठन के महासचिव के. मरीअप्पन ने कहा कि संगठन उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। दक्षिणी तमिलनाडु के विरूधुनगर जिले में स्थित शिवकाशी में बड़े पैमाने पर पटाखे बनाने वाली फैक्ट्रियां लगी हुई हैं जो पूरे देश में पटाखे की मांग को पूरा करती हैं।
मरीअप्पन ने कहा कि अदालत का फैसला सकारात्मक संकेत है क्योंकि अदालत ने कहा है कि पटाखे खरीदने और फोड़ने में कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि मुद्दा 2015 से लंबित था। पटाखा उद्योग 6,000 करोड़ रुपये का था और शिवकाशी के आसपास के करीब आठ लोगों को रोजगार देता है, लेकिन यह उद्योग घटकर अब 4,000 करोड़ रुपये का हो गया है।
मरीअप्पन ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल पटाखे जैसी कोई चीज नहीं होती है। हम पेट्रोलियम एंड विस्फोटक सुरक्षा संगठन की मंजूरी के बाद ही पटाखों का उत्पादन करते हैं।