चेन्नई. तमिलनाडु चुनाव को लेकर UPA में चला आ रहा गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया है। स्टालिन की पार्टी डीएमके और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात बन गई है। डीएमके ने कांग्रेस पार्टी को तमिलनाडु में चुनाव लड़ने के लिए 25 सीटें दी हैं। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी को कन्याकुमारी लोकसभा उपचुनाव लड़ने के लिए भी सीट दी गई है। लंबे समय से दोनों पार्टियों के बीच इस विषय पर गतिरोध बना हुआ था।
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कांग्रेस पार्टी के अलावा डीएमके ने सीपीएम और सीपीआई को 6-6 सीटें दी हैं। थोल थिरुमावलवन की पार्टी VCK को पहले ही 6 सीटें दी जा चुके हैं। इन दोनों पार्टियों के दो-दो सांसद भी हैं। वाइको की पार्टी MDMK को 6 सीटें दी गई हैं। लेकिन इन दलों के उम्मीदवार डीएमके के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
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पिछल चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 41 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे जीत सिर्फ 8 सीटों पर नसीब हुई थी। इसलिए डीएमके चीफ स्टालिन के करीबी कांग्रेस पार्टी के साथ इसबार या तो गठबंधन नहीं चाहते या फिर कांग्रेस पार्टी को बेहद कम सीटें देना चाहते थे। साल 2016 में डीएमके ने कांग्रेस पार्टी के साथ हुए गठबंधन के तहत 178 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 89 सीटें जीती थीं।
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने शनिवार रात स्टालिन से बात की थी, जिसके बाद वार्ता का अंतिम रूप दिया जा सका। बता दें कि पहले कांग्रेस पार्टी की तरफ से 34 सीटों की डिमांड की गई थी, जबकि डीएमके 18 सीटों से ज्यादा देने को राजी नहीं थी लेकिन फिर कांग्रेस की डिमांड कुछ कम तो हुई लेकिन डीएमके 25 सीटों से ज्यादा कांग्रेस को देने पर राजी नहीं हुई।
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