चेन्नई: तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव जे राधाकृष्णन ने रविवार को कहा कि पिछले दो महीनों में राज्य के सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 से जान गंवाने वालों में से लगभग 90 प्रतिशत व्यक्तियों ने कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली थी। राधाकृष्णन ने चेन्नई में चौथे वृहद टीकाकरण शिविर का निरीक्षण करने के बाद कहा कि राज्य के कुछ पश्चिमी जिलों में, जहां वायरस का प्रसार अधिक था, वहां अब नये मामलों में कमी देखी जा रही है।
उन्होंने लोगों से कोविड-19 रोधी टीका लगवाने की अपील करते हुए कहा, ‘‘सरकारी अस्पतालों में पिछले दो महीनों के दौरान होने वाली मौतों में से 90 फीसदी इसलिए हुई क्योंकि मरीज ने कोविड-19 रोधी टीके की एक भी खुराक नहीं ली थी।’’ उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वायरस से निपटने के लिए टीकाकरण प्रमुख रणनीति बन गई है। जो लोग कोविड -19 से संक्रमित होने के बाद आईसीयू में हैं, वे भी वे लोग हैं जिन्हें टीका नहीं लगाया गया है।’’
राधाकृष्णन ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पिछले दो महीनों में कोविड-19 संक्रमण से जान गंवाने वालों में से 7.4 प्रतिशत ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें कोविड-19 रोधी टीके की केवल एक खुराक मिली थी, जबकि 3.6 प्रतिशत ने दोनों खुराक प्राप्त की थी। उन्होंने कहा, ‘‘उन लोगों में वायरस की गंभीरता अधिक थी, जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था। जिन लोगों ने दोनों खुराक लेने के बाद भी अपनी जान गंवायी, वे ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें कोविड -19 के अलावा अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं भी थीं।’’