आपकी हाइट सबसे ज्यादा हो तो आपको फेम तो मिलेगा लेकिन कभी कभार ये हाइट समस्या भी बन सकती है। आपकी साइज़ के कपडे, बेड, घर के दरवाज़े हर जगह समस्या का सामना करना पड़ता है क्योंकि आप सबसे लम्बे जो है। वहीं जब कभी कोई सर्जरी करने की ज़रूरत पड़ जाए तो शायद समस्या और भी विकट हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप के अंग दूसरे लोगों से काफी लम्बे और बड़े होंगे। ऐसे में शायद आपकी सर्जरी डॉक्टर्स के लिए भी चुनौती बन सकती है।
ऐसी ही एक चैलेंजिंग सर्जरी हुई अहमदाबाद के के.डी. हॉस्पिटल में हुई है। यहां भारत के सबसे ऊँचे व्यक्ति की सफलता पूर्वक हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई है। ये कहानी है यूपी लखनऊ के प्रतापगढ़ के धर्मेंद्र प्रताप सिंह की जिनके दोनों पैर हाल ही में हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी से गुजरे हैं। बता दें कि धर्मेंद्र प्रताप सिंह भारत के सबसे लंबे व्यक्ति हैं और उनकी ऊंचाई 8 फीट 1 इंच है। धर्मेंद्र प्रताप सिंह वर्ल्ड रिकॉर्ड से केवल 2 इंच छोटे हैं।
चुनौती पूर्ण रही सर्जरी
धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने भी आख़िरकार डॉक्टर्स की सलाह मान ही और अहमदाबाद के के.डी. हॉस्पिटल में हिप रिप्लेसमेंट का ऑपरेशन करवाया। जहाँ उनकी बायलेटरल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। हालांकि सर्जरी के लिए उनकी ऊंचाई के हिसाब से प्रबंध करना अस्पताल के लिए बड़ी चुनौती थी। लेकिन ये चेलेंज उठाने के लिए हॉस्पिटल प्रशासन और डॉक्टर्स पूरी तरह से तैयार थे। आखिरकार उनकी ऊंचाई के अनुसार सभी तैयारियां कर ली गई।
नॉर्मल हाइट वाले इंसानो के लिए सामान्य रूप से 52 और 54 साइज़ के एसीटेब्युलर कप लगाए जाते है पर धर्मेंद्र प्रताप सिंह की साइज़ के अनुसार एसीटेब्युलर कप भी बड़ी साइज़ के चाहिए थे। आखिरकार उनकी दायी तरफ 68 साइज़ का एसीटेब्युलर कप और बायी तरफ 70 साइज़ का उपयोग किया गया। फेमोरल स्टेम साइज़ भी सामान्य लोगों के लिए 11 और 12 साइज़ के चाहिए होते है लेकिन धर्मेंद्र प्रताप सिंह के लिए 16 और 23 की साइज़ के फेमोरल स्टेम उपयोग में लिए गए।
अस्पताल ने पूरी तरह नि:शुल्क की सर्जरी
इस कहानी में सबसे बड़ी बात ये है की धर्मेंद्र प्रताप सिंह की ये सर्जरी पूरी तरह से निःशुल्क की गई है।
धर्मेंद्र प्रताप सिंह अब धीरे धीरे स्वस्थ हो रहे है और कम से कम सहारे से और बिना दर्द के चलने में सक्षम है। खुद धर्मेंद्र प्रताप सिंह को भी लगता है की वे अपनी तकलीफों और दर्द से काफी हद तक मुक्त हो चुके है।
6 साल से परेशान थे धर्मेंद्र
पिछले 6 साल से जोड़ों के दर्द के कारण चलने में परेशानी हो रही थी। उनकी रूटीन लाइफ भी इसी वजह से काफी डिस्टर्ब हो चुकी थी। उन्हें बिस्तर से खड़ा भी होना हो तो पीठ में किसी का सपोर्ट लेकर खड़ा होना पड़ता था और अगर वो ज्यादा देर खड़े रहें तो भी दर्द से चिल्ला उठते थे। यहाँ तक की उन्हें उनकी ऊँचाई के अनुसार बैसाखी भी नहीं मिल पाई और सिर्फ एक बांस की लकड़ी का सहारा लेकर ही उन्हें चलना पड़ता था।
गौरतलब है कि इनको हिप जॉइंट में आर्थराइटिस, फ्रेक्चर, खून की कमी या किसी अन्य कारणों से रूटीन लाइफ में मुश्किलें आ रही थीं, वे आसानी से उठ -बैठ नहीं पा रहे थे, और उन्हें कार चलाने में समस्या हो रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें हिप रिप्लेसमेंट का सुझाव दिया। हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में हिप जॉइंट प्रोस्थेटिक इम्प्लांट द्वारा बदला जाता है। हिप प्रोस्थेसिस के विभिन्न अंगो में एसीटेब्युलर कप (शेल), एसीटेब्युलर लाइनर, फीमोरल हेड और फीमोरल स्टेम आते है।