Friday, November 22, 2024
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पाजी..अकेले-अकेले खा रहे हो? हल्के-फुल्के माहौल में ऐसे चली किसानों से वार्ता

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही।

Reported by: IANS
Published on: December 31, 2020 7:52 IST
Narendra Singh Tomar, Piyush Goyal and Som Prakash - India TV Hindi
Image Source : PTI पाजी..अकेले-अकेले खा रहे हो? हल्के-फुल्के माहौल में ऐसे चली किसानों से वार्ता

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल की 'लंच डिप्लोमेसी' ने बुधवार को किसान नेताओं और सरकार के रिश्तों के बीच जमी बर्फ पिघला दी। यही वजह रही कि अब तक विज्ञान भवन में बेनतीजा साबित हुईं पांच बैठकों से यह बैठक काफी अलग रही। सकारात्मक माहौल में हुई छठे राउंड की बैठक में दोनों पक्षों ने 50 प्रतिशत मुद्दे सुलझा लिए। बुधवार को हुई बैठक से जिस तरह से किसानों और सरकार के बीच बात बनती दिखी, उससे अब किसान आंदोलन के सुलझने के आसार दिखाई देने लगे हैं। किसान नेताओं को भी उम्मीद है कि जिस तरह से सरकार ने बुधवार को पराली जलाने पर एक्शन के दायरे से किसानों को बाहर रखने और बिजली सब्सिडी जारी रखने जैसी मांगों पर सहमति जाहिर की है, उसी तरह से चार जनवरी की बैठक भी सकारात्मक रहेगी। चार जनवरी की बैठक का एजेंडा सेट हो गया है। तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी की गारंटी जैसे दो मुद्दों पर ही यह बैठक होनी है।

विज्ञान भवन में बुधवार को दोपहर ढाई बजे से जब छठे राउंड की बैठक के दो घंटे बाद जब लंच ब्रेक हुआ तो कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश किसान नेताओं के बीच वहां पहुंच गए, जहां वह लंगर का खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। पिछली दो बैठकों से किसान नेताओं ने सरकारी लंच को ठुकराते हुए गुरुद्वारे से आए लंगर का खाना खाने का सिलसिला शुरू किया था। किसान नेताओं के बीच पहुंचकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'ओ पाजी.. अकेले-अकेले खा रहे हो?' इस पर किसान नेता ने कहा- 'नहीं- नहीं जी.. प्लेट लगा दें आपके लिए?' बस फिर क्या था कि मोदी सरकार के तीनों मंत्री भी हाथ में प्लेट लेकर लंगर खाने के लिए लाइन में लग गए।

लंच और टी ब्रेक में हुई चर्चा से बनी बात

विज्ञान भवन की मीटिंग में अफसरों के प्रजेंटेशन से जो बात नहीं बनती दिखी, वह लंच और टी ब्रेक के दौरान मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच हंसी-मजाक के बीच चली अनौपचारिक बातचीत में बन गई। मंत्रियों के साथ लंच करने और फिर बाद में टी ब्रेक भी साथ-साथ करने से किसान नेताओं के बीच एक सकारात्मक संदेश गया। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लंच और टी ब्रेक के दौरान दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण रोकने के लिए लाए गए आर्डिनेंस में पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान वापस लेने के साथ बिजली सब्सिडी जारी रखने पर भी सहमति जाहिर कर दी। वहीं उन्होंने किसान नेताओं से एमएसपी और तीनों कृषि कानूनों को लेकर एक कमेटी बनाने की बात कहकर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार के रुख में यह नरमी किसान नेताओं को पसंद आई, जिससे किसान नेताओं ने पराली और बिजली से जुड़े मुद्दों के समाधान के बाद कृषि कानून और एमएसपी पर आगे चार जनवरी की बैठक में शामिल होने की खुशी-खुशी मंजूरी दे दी।

क्या कहते हैं किसान नेता?

किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा, "आज की बैठक में कुल चार मुद्दे उठे, जिसमें से सरकार ने किसानों की दो मांगें मान ली है। अब कृषि कानूनों और एमएसपी पर ही आगे चर्चा होनी है। अब चार जनवरी की बैठक से काफी उम्मीदें हैं।" भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार लाइन पर आ गई है। अच्छे माहौल में आज बातचीत हुई। दो मुद्दों के समाधान के बाद सिर्फ दो और मुद्दे शेष बचे हैं। चार जनवरी की बैठक में कृषि कानूनों और एमएसपी के मुद्दे का भी हल निकलने की उम्मीद है।

भारतीय किसान यूनियन के हरपाल सिंह बेलरी ने कहा, "सरकार ने बिजली और पराली से जुड़े दो मुद्दों पर सहमति व्यक्त करते हुए आदेश जारी करने की बात कही है। तीनों कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की गारंटी पर अभी बात नहीं बन सकी है। अब इन दो मुद्दों पर चार जनवरी की बैठक में चर्चा होगी।"

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