नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की कथित संलिप्तता वाले हत्या के एक मामले में एक गवाह को गवाह सुरक्षा योजना 2018 के तहत सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाने को कहा। न्यायमूर्ति सुरेश के कैत ने दिल्ली सरकार को दो जून से एक सप्ताह के भीतर हत्या मामले में गवाह को उक्त योजना के तहत सुरक्षा प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकार के समक्ष एक आवेदन देने का निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि सक्षम प्राधिकार को आवेदन देने के एक सप्ताह के भीतर फैसला करना होगा और निर्णय होने तक दिल्ली पुलिस गवाह को सुरक्षा मुहैया कराएगी। इस निर्देश के साथ अदालत ने गवाह द्वारा सुरक्षा के लिए दाखिल एक याचिका का निपटारा कर दिया। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील अजय कुमार पिपानिया और पल्लवी पिपानिया पेश हुए।
याचिका में व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जब यह घटना हुई थी उस समय सुशील कुमार ने उनकी भी पिटाई की थी। सुशील कुमार और उसके सहयोगियों ने संपत्ति को लेकर विवाद पर चार और पांच मई की दरम्यानी रात स्टेडियम में सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों सोनू महाल और अमित कुमार से मारपीट की थी। धनखड़ की बाद में मौत हो गयी। सुशील कुमार को 23 मई को गिरफ्तार किया गया।