श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क कर उनसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कमांडर अबु दुजाना के शव को ले जाने को कहा है। सुरक्षा बलों ने मंगलवार को मुठभेड़ में अबु दुजाना को मार गिराया था। कश्मीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुनीर खान ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि पाकिस्तान उच्चायोग से दुजाना के शव को कब्जे में लेने को कहा गया है। दुजाना पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्टीस्तान इलाके का रहने वाला था। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस
कई आतंकी वारदातों में शामिल दुजाना को सुरक्षाबलों की लंबे समय से तलाश थी। वो सात साल से कश्मीर में सक्रिय था और उस पर 15 लाख रुपए का इनाम भी था। सुरक्षाबलों को पुलवामा के काकापोरा में अबु दुजाना समेत 2 से 3 आतंकियों के एक घर में छिपे होने की सूचना मिली थी जिसके बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गयी। मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने उस घर को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिसमें आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी।
आईजीपी के मुताबिक, "यदि वे शव नहीं ले जाते हैं तो हम उसकी उचित प्रकार से अंत्येष्टि कर देंगे।" प्रशासन की इच्छा है कि दुजाना के परिजन उसकी अंत्येष्टि से पहले आखिरी बार अपने बेटे को देख पाएं और इसी मंशा से पाकिस्तान उच्चायोग से संपर्क साधा गया। पुलिस ने दुजाना के शव की अंत्येष्टि के लिए उसे स्थानीय नागरिकों को सौंपने से मना कर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "शव को उन स्थानीय नागरिकों को सौंपने का कोई मतलब नहीं हैं, जो घाटी का नहीं है।"
इस बीच मंगलवार को हाकरीपोरा गांव में मुठभेड़ में मारे गए लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी आरिफ लालिहारी की अंत्येष्टि में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए। आरिफ को मंगलवार शाम को पुलवामा जिले में उसके पैतृक गांव लालिहार गांव में दफना दिया गया।
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