नई दिल्ली: तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर एफआईआर की एक प्रति की मांग की है और कहा है कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में धारा-144 लागू होने के बावजूद निजामुद्दीन मरकज में हजारों जमातियों को जुटाने समेत कई मामलों में मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
साद व कई अन्य लोगों के खिलाफ पिछले महीने दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में एक धार्मिक सभा आयोजित करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। जांच से जुड़े क्राइम ब्रांच के सूत्र ने आईएएनएस को पुष्टि की कि साद ने पुलिस को पत्र लिखा है। सूत्र के मुताबिक, साद ने 16 अप्रैल को पुलिस को लिखे पत्र में कहा, "31 मार्च को मेरे खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में मैं एक व दो अप्रैल को दो नोटिसों का जवाब देकर जांच में शामिल हुआ हूं।"
सूत्र ने आगे कहा कि साद ने पुलिस को उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रति साझा करने को कहा है और साथ ही कहा है कि अगर एफआईआर में कोई नया खंड (सेक्शन) जोड़ा गया है तो उसे इसके बारे में सूचित करें। सूत्र के अनुसार, साद ने यह भी कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है। साद ने पत्र में लिखा है, "मैं यह दोहराता हूं कि मैं हमेशा आपके द्वारा की जा रही जांच में सहयोग करने को तैयार हूं।"
दिल्ली पुलिस ने साद और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 269, 270, 271 और 120-बी के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने बुधवार को साद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के मामले में धारा 304 भी जोड़ी थी, जो कि हत्या के किसी भी मामले की दूसरी सबसे बड़ी धारा है। इसके बाद अब साद को जमानत मिलनी भी मुश्किल है।
महामारी रोग अधिनियम के मानदंडों का घोर उल्लंघन करने के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद साद का कहना है कि वह खुद से ही एकांतवास में है। जांच एजेंसियों के अनुसार, तबलीगी जमात का प्रमुख साद ऑडियो संदेशों के माध्यम से जमात से जुड़े लोगों के साथ लगातार संपर्क में है।