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तबलीगी जमात: सामने आया मौलाना साद का बेटा, कहा- मरकज में लोगों का कोरोना संक्रमित होना इत्तेफाक

कई दिन से कथित रूप से नदारद माने जा रहे निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद कांधलवी ने शुक्रवार को माना कि उन्हें दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।

Reported by: IANS
Published : April 04, 2020 9:47 IST
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मौलाना साद ने अपने बेटे और जमात कमिटी मेंबर मोहम्मद यूसुफ साद के जरिए स्वीकार किया कि क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है। AP Representational

नई दिल्ली: कई दिन से कथित रूप से नदारद माने जा रहे निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद कांधलवी ने शुक्रवार को माना कि उन्हें दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। नोटिस के साथ कई सवालात की लिस्ट भी है। उन्होंने अपने बेटे और जमात कमिटी मेंबर मोहम्मद यूसुफ साद के जरिए स्वीकार किया कि अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। मौलाना साद ने ये तमाम बातें अपने बेटे के जरिए शुक्रवार को एक लिखित पत्र के जरिये बताईं। मौलाना साद के बेटे यूसुफ जमात कमेटी के सदस्य भी हैं। यह बयान मौलान साद के द्वारा ही ड्राफ्ट करवाया गया बताया जा रहा है।

‘हमारे पास हर मेहमान का रिकॉर्ड है’

मौलाना यूसुफ के मुताबिक, ‘मीडिया में जमात मुख्यालय को लेकर जो भी खबरें 31 मार्च 2020 से आ रही हैं, वे सब महज बदनाम किए जाने की साजिश है। तबलीगी जमात किसी भी राजनीतिक संगठन का भी हिस्सा नहीं है। जहां तक बात मौलाना साद के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किए जाने की है, तो नई दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ केस दर्ज किया है। जहां तक तबलीगी जमात मुख्यालय में पहुंचे मेहमानों में से कुछ के कोरोना संक्रमित मिलने की बात है, तो यह एक इत्तिफाक है। जैसे ही हमें कोरोना के बारे में बताया गया, हमने सभी मेहमानों के प्रवेश पर जमात मुख्यालय में पाबंदी लगा दी थी। हर मेहमान का हमारे पास रिकॉर्ड है।’

‘हमने हरसंभव उपाय किए थे’
उन्होंने कहा कि जमात मुख्यालय ने अपनी ओर से सभी मेहमानों को तुरंत उनके घर पहुंचाने के हरसंभव उपाय किए थे। यूसुफ साद ने इसी पत्र में आगे बताया है कि प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च की आधी रात जनता कर्फ्यू की जैसे ही घोषणा की गई, वैसे ही सरकारी मशीनरी द्वारा मरकज में आयोजित कार्यक्रम बंद करा दिया गया था, जो अब तक बंद हैं। बीते कुछ दिनों से सभी भाग लेने वाले, चाहे वे भारतीय हों या फिर विदेशी, जो मरकज निजामुद्दीन में लॉकडाउन के चलते फंस गए थे, उन सभी को बाहर निकाला गया। साथ ही उन सबको क्वारंटाइन करके अलग-अलग जगहों पर भेजा जा चुका है। इनमें से तमाम को अस्पतालों में भी दाखिल कराया जा चुका है।

‘सबूत क्राइम ब्रांच को मुहैया करा दिए जाएंगे’
बयान के मुताबिक, ‘नई दिल्ली क्राइम ब्रांच में FIR नंबर 63/2020 लिखी गई है। इसी FIR के बदले मौलाना मोहम्मद साद को CRPC की धारा-91 के तहत क्राइम ब्रांच से एक नोटिस मिला है। इस नोटिस में क्राइम ब्रांच ने तमाम सबूत मय दस्तावेज मांगे हैं।’ सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच को शुक्रवार दिन के वक्त जमात मुख्यालय द्वारा भिजवाए गए जवाब में कहा गया है, ‘चूंकि अभी पुलिस ने जमात मुख्यालय को सील कर रखा है, साथ ही मौलाना मोहम्मद साद के जो कारिंदे हैं, उनमें से अधिकांश फिलहाल क्वारंटाइन होम्स में हैं। लिहाजा, ऐसे में मय सबूत दस्तावेज मुहैया करा पाना असंभव है। जैसे ही जमात हेडक्वॉर्टर खुलेगा और क्वारंटाइन हुए जमात मुख्यालय के इंतजामी इकट्ठे होंगे, सबूत क्राइम ब्रांच को मुहैया करा दिए जाएंगे।’

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