नई दिल्ली: पाकिस्तान अब उन अलगाववादियों को भी धोखा दे रहा है, जो भारत में रहकर पाकिस्तान की हिमायत करते हैं। पाकिस्तान ने दिवंगत हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी को निशान-ए–पाकिस्तान का खिताब तो दिया लेकिन इसके साथ ही गिलानी की अंतिम ख्वाहिश को पूरा करने के बजाए अपनी साजिश को अंजाम भी दिया। इसका खिलासा सैयद अली शाह गिलानी की मौत से पहले की आखिरी वीडियो से हुआ है।
असल में मौत से ठीक पहले गिलानी ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। इसमें सैयद अली शाह गिलानी ने सैयद अब्दुल्ला गिलानी को अपना सियासी वारिस बनाया था यानी उत्तराधिकारी नियुक्ति किया था। लेकिन, पाकिस्तान ने गिलानी के इस वीडियो को सामने नहीं आने दिया और उनकी आखिरी इच्छा के खिलाफ सैयद अब्दुल्ला गिलानी की जगह मसर्रत आलम को ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का चेयरमैन डिक्लेयर कर दिया।
ये वही मसर्रत आलम है, जिसने छह साल पहले श्रीनगर में हिंदुस्तान के खिलाफ और पाकिस्तान के सपोर्ट में नारे लगाए थे। माहौल खराब करने की कोशिश की थी। इसीलिए ISI चाहती थी कि मसर्रत आलम ही गिलानी के बाद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को लीड करे। ISI नहीं चाहती थी कि गिलानी की मौत से पहले का वीडियो रिलीज किया जाए। लेकिन, किसी तरह वीडियो सैयद अब्दुल्ला गिलानी के हाथ लग गया और उसने उसे पाकिस्तान की मीडिया में रिलीज कर दिया।
वीडियो में सैयद अली शाह गिलानी कह रहे हैं, "मैं सैयद अली गिलानी ऐलान करता हूं कि इस्लामाबाद पाकिस्तान में रह रहे सैयद अब्दुल्ला गिलानी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करता हूं। एक बार फिर दोहरा रहा हूं कि मैं सैयद अली गिलानी ऐलान करता हूं कि इस्लामाबाद पाकिस्तान में रह रहे सैयद अब्दुल्ला गिलानी को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करता हूं।"
वीडियो में आगे उन्होंने कहा, "मैं सभी कश्मीर के लोगों से अपील करता हूं कि वह सैयद अब्दुल्ला गिलानी को अपना पूरा समर्थन और साथ दें। मैं पाकिस्तान से दरख्वास्त करता हूं कि वह सैयद अब्दुल्ला गिलानी को मेरा उत्तराधिकारी कबूल करे और उनका समर्थन करे।"
जगजाहिर है कि सैयद अली शाह गिलानी पाकिस्तान की हिमायत करते थे। भारत में रहने के बावजूद वह पाकिस्तान के लिए काम करते थे। इसके बाद भी ISI ने गिलानी को भी धोखा दिया। काफी बीमारी की हालत में गिलानी ने अपने वारिस के नाम का ऐलान किया था। लेकिन, ISI को गिलानी के ऐलान किए गए वारिस पर भरोसा नहीं था। इसलिए गिलानी का वीडियो गायब करके अपने आदमी को हुर्रियत का चेयरमैन बनाया दिया।