नई दिल्ली: आज सुबह 5:30 बजे निर्भया के चार दोषियों- मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल में फांसी दिए जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने कहा कि न्याय की जीत हुई। स्वाति मालिवाल ने ट्वीट कर कहा कि "7 साल के लंबे इंतेज़ार के बाद आज न्याय की जीत हुई। निर्भया की माँ ने न्याय के लिए दर दर की ठोकर खाई। सारा देश सड़कों पर उतरा, अनशन किया, लाठी खाई। ये सारे देश की जीत है। अब हमें देश में एक कठोर सिस्टम बनाना है। विश्वास है बदलाव आएगा, ज़रूर आएगा। सत्यमेव जयते!"
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर 16 दिसंबर 2012 की रात अंधेरे में चलती एक बस में निर्भया के साथ छह लोगों ने बेहरमी से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस रात दोषियों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। दोषियों ने इस दौरान निर्भया के साथ मौजूद उसके एक दोस्त के साथ भी मारपीट की। इसके बाद उन दोनों को सड़क पर भी फेंक दिया गया। निर्भया के साथ ऐसी दरिंदगी की गई थी कि अस्पताल में इलाज के बावजूद 13 दिनों बाद उसने दम तोड़ दिया। इस वारदात ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया था।
इस 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद छात्रा का काल्पनिक तौर पर 'निर्भया' नाम दिया गया था। वारदात के वक्त से ही निर्भया के दोषियों को मौत की सजा दिलाने की मांग हो रही थी। तब से अब 7 साल, 3 महीने, 4 दिन बाद निर्भया के दोषियों को फांसी पर फंदे पर लटकाया जा सका है। छह में से चार को ही फांसी हुई क्योंकि एक दोषी ने पहले ही जेल में आत्महत्या कर ली थी और एक अन्य नाबालिग दोषी को वारदात के बाद तीन साल के लिए जुवेनाइल जेल भेजा गया था, जहां से वह अब रिहा हो चुका है।
निर्भया के दोषियों ने उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली, जिससे उसकी आंतें तक निकल आई। अपराध की क्रूरता ने देशभर के लोगों को हिलाकर रख दिया। इस घटना के बाद देशभर में महिला सुरक्षा व कानून व्यवस्था को सख्त बनाने की बड़े स्तर पर मांग उठी थी। स्वाति मालिवाल ने अपने ट्वीट में उसी से संबंधित कठोर सिस्टम को बनाने की बात कही है। हालांकि, निर्भया के मामले के बाद से देश में दुष्कर्म से संबंधित कानूनों में व्यापक बदलाव भी आए हैं।