महान ग्रंथों की रचना की
'योग', 'राजयोग' तथा 'ज्ञानयोग' जैसे ग्रंथों की रचना करके विवेकानन्द ने युवा जगत को एक नई राह दिखाई थी, जिसका प्रभाव लोगों पर युगों-युगों तक छाया रहेगा। कन्याकुमारी में निर्मित उनका स्मारक आज भी उनकी महानता की कहानी कहता है।
और जब उन्होंने कहा एक और विवेकानंद चाहिए।