प्रयागराज: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मांग कर रहे साधु-संतों की ओर से प्रयागराज में चल रहे कुंभ 2019 में परम धर्म संसद का आगाज हो चुका है। ये धर्म संसद अगले तीन दिन तक चलेगी। धर्स संसद के बीच शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि “राम का जहां अवतार हुआ है वहां हमें पूजा करने देना चाहिए। वहां न मुसलमान बैठे हैं ना कोई ओर। वो नरसिंग राव की सरकार के समय से सरकारी भूमि है।"
उन्होंने कहा कि "वहां पर्दा डाल रखा है, रोक नहीं रहे, निर्णय नहीं ले रहे हैं, 29 जनवरी को सुनवाई होनी थी, इससे उम्मीद थी कि शायद कुछ हो जाए, लेकिन एक जज मौजूद नहीं होंगे।" हालांकि, इतना सब कहने के बाद उन्होंने ये भी कहा कि "न्यायालय पर विश्वाश है मगर कुछ करे तो।” शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी पर भी राम मंदिर निर्माण के मामले में ढील बरतने के आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि "कब तक टाट में रहेंगे राम। सरयू के किनारे पुतला खड़ा करने की बात कर रहे हैं। हमें पुतला नहीं चाहिए। अब तो टाट भी नहीं रहेगा। संत के रूप में क्या शिक्षा दे रहे हो। CM बन गए अब नहीं करोगे तो कभी मौका नहीं मिलेगा। जो गाड़ी में बैठता है उसे नींद आती है। ऐसे ही सरकार को लग रहा है कि हम आ गए हैं हमेशा रहेंगे। उन्होंने कहा कि "जनता हाथी और गधे पर भी बैठा देती है। हमसे कहते हैं कि महाराज चुनाव आ गया अब चुप हो जाओ।"
धार्मिक नदियों में गंदगी को लेकर भी शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने तीखा रुख अपनाया और कहा कि "मल गंगा और यमुना में बह रहा है और प्रधानमंत्री फ्रांस के राष्ट्रपति को नांव से घुमा रहे थे। उस वक्त गंदे नाले पर पर्दा डाल दिया गया था।" इसके अलावा उन्होंने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि "वाराणसी के बारे में सोच तो लेते।"