Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. जम्मू के सांबा में तीन जगह दिखे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन, सुरक्षा एजेंसियां चौकस

जम्मू के सांबा में तीन जगह दिखे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन, सुरक्षा एजेंसियां चौकस

जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन मंडराते देखे गए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 30, 2021 7:02 IST
जम्मू के सांबा में तीन जगह दिखे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन- India TV Hindi
Image Source : फाइल/प्रतीकात्मक तस्वीर जम्मू के सांबा में तीन जगह दिखे संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

जम्मू: जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में तीन अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध पाकिस्तानी ड्रोन मंडराते देखे गए। यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी। अधिकारियों ने बताया कि ये ड्रोन बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े आठ बजे बारी-ब्राह्मण, चिलाद्या और गगवाल इलाकों में एक ही समय पर देखे गए। ये ड्रोन ऐसे समय देखे गए हैं जब करीब एक हफ्ते पहले पुलिस ने यहां पास के सीमावर्ती कनचक इलाके में पांच किलोग्राम आईईडी सामग्री ले जा रहे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया था। 

अधिकारियों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पाकिस्तान की ओर लौट रहे एक ड्रोन पर चिलाद्या में कुछ गोलियां चलायीं। अधिकारियों ने कहा कि अन्य दो ड्रोन बारी ब्राह्मणा और गगवाल में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर संवेदनशील सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर मंडराने के तुरंत बाद आसमान से गायब हो गए। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस अन्य सुरक्षा बलों के साथ घटनास्थल पर गहन तलाशी के लिए रवाना हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है। 

इससे पहले 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जम्मू जिले के सीमावर्ती इलाके में पांच किलोग्राम वजन की विस्फोटक सामग्री (आईईडी) ले जा रहे ड्रोन को मार गिराया था और सीमा पार की, एक बड़ी आतंकी घटना की साजिश को नाकाम कर दिया था। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ कानाचक की सीमा पर एक ड्रोन के उड़ने की सूचना के बाद पुलिस की एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) ने ड्रोन विरोधी रणनीति का इस्तेमाल करते हुए उसे मार गिराया था। 

 ड्रोन में लगभग तैयार अवस्था में पांच किलोग्राम आईईडी सामग्री थी जिसमें विस्फोट से पहले सिर्फ तारों को जोड़ना बाकी था। शुरुआती जांच के मुताबिक ड्रोन छह पहियों वाला हेक्जा-एम-कॉप्टर था और उसमें जीपीएस तथा उड़ान को नियंत्रित करने वाला उपकरण भी लगा था। एडीजीपी ने बताया कि कठुआ में पिछले साल मार गिराए गए ड्रोन और इस ड्रोन में सिर्फ एक अंक का अंतर है जो इस तथ्य को दर्शाता है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे सीमा पार के आतंकवादी संगठनों के पास उड़ान को नियंत्रित करने वाली तकनीक है और वे भारत की ओर हथियारों एवं आईईडी के साथ ड्रोन भेज रहे हैं। जिस ड्रोन को मार गिराया गया उसके बिखरे हिस्सों को एकत्र करने पर पता चला कि उसके उपकरण चीन, ताइवान और हांगकांग में बने हैं। 

ड्रोन से जिस आईईडी को गिराया जाना था उसके तार जम्मू वायुसेना स्टेशन के हवाईअड्डा से मिली विस्फोटक सामग्री से मेल खाते हैं जो इस बात की पुष्टि करता है कि हवाईअड्डा पर आईईडी गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था। एडीजीपी के अनुसार कठुआ में इस्तेमाल किया गया ड्रोन सीमा के अंदर 30 किलोमीटर अंदर घुस आया था और ड्रोन द्वारा तय की गई दूरी पेलोड के वजन पर निर्भर करती है। जिन ड्रोन ने पहले सीमावर्ती इलाकों में एके-47 राइफलों की खेप गिराई थी, वे सीमा से 0-12 किलोमीटर की दूरी की क्षमता वाले ड्रोन थे। 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement