बक्सर/हमीरपुर: बिहार के बक्सर से दिल दहलाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। यहां गंगा नदी में लाशें बहती दिखाई दी हैं। हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक शव को जलाकर उसकी अस्थियां, उसकी राख गंगा में विसर्जित की जाती है। लेकिन, लगता है कि कोरोना के कहर ने सभी रीति-रिवाजों, सभी परम्पराओं को बदल दिया है।
कोरोना के संक्रमण का ऐसा खौफ है कि मजबूर होकर मरने वालों के परिजन चाहते हैं कि किसी तरह जल्द से जल्द शव का अंतिम संस्कार कर दिया जाए। लेकिन, श्मशान घाटों में जगह नहीं है, शव जलाने के लिए लकड़ियां नहीं हैं, नतीजा यह है कि मृतकों के परिजन पैक्ड डेडबॉडी को ही गंगा में प्रवाहित कर दे रहे हैं।
बिहार के बक्सर के अलावा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में भी यमुना नदी में शव तैरते देखे गए हैं। बक्सर के डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, यह लाशें उत्तर प्रदेश से बहकर आ रही हैं क्योंकि जिस तरह डेडबॉडीज फूल गई हैं उसे देखकर लग रहा है कि इन्हें 5 से 6 दिन पहले गंगा में प्रवाहित किया गया होगा।
अब बक्सर का प्रशासन इन डेडबॉडीज को गंगा से निकालकर इनका अंतिम संस्कार करवा रहा है। बिहार के अफसरों द्वारा लाशें के यूपी से बहकर आने की बात के सबूत यूपी के गाजीपुर से मिले। गाजीपुर के गंगा घाट पर भी कई शव दिखाई दिए, जब आसपास के इलाके में बदबू फैली तो लोग इकट्ठा हुए और इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को दी गई।
अब यह लाशें क्या कोरोना संक्रमितों की हैं? यह शव कहां से बहकर आए? इन सवालों के जवाब तलाशने के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल पर जांच शुरू हो चुकी है। डीएम का कहना है कि जांच टीम बना दी गई है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही फैक्ट पता चल सकेंगे।