मुंबई: यहां बांद्रा कुरला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यों के साथ सहयोग के एक नए युग की शुरूआत करते हुए देश के पहले विदेश भवन का उद्घाटन किया। यह भवन सभी क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालयों और उससे संबंधित विभागों को एक ही छत के नीचे लाने का काम करेगा।
क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी स्वाति कुलकर्णी ने कहा कि बीकेसी में मौजूद राज्य के अत्याधुनिक कार्यालय में आरंभिक परियोजना के तौर पर विदेश मंत्रालय के चार कार्यालयों- क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ), प्रोटेक्टर आफ इमीग्रेंट्स (पीओई) आफिस, शाखा सचिवालय और आईसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय को एक छत के नीचे कार्य करने के लिए एकीकृत किया गया है।
सुषमा स्वराज ने विदेश राज्य मंत्री वी.के. सिंह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्र शासित प्रदेश दमन एवं दीव तथा दादर एवं नागर हवेली के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के उपस्थिति में दीपक को जलाकर विदेश भवन का उद्घाटन किया।
14 अगस्त को वरली के परिसर में स्थित आरपीओ को यहां पर स्थानांतरित करने और 21 अगस्त को ठाणे एवं मुंबई के आरपीओ कार्यालयों को जोड़ने के बाद रविवार को विदेश भवन का उद्घाटन किया गया। इन दोनों कार्यालयों में काम शुरू हो चुका है। एक अधिकारी ने बाताया, "विदेश भवन, विदेश मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार के साथ संबंधों के कारगर प्रबंधन का एक हिस्सा है।"
विदेश भवन की आरंभिक योजना केंद्र सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसमें वह विदेश मंत्रालयों के विभिन्न कार्यालयों को एक छत के नीचे लाकर राज्यों के साथ घनिष्ठ रूप से कार्य करना चाहती है क्योंकि अब कहीं अधिक भारतीय रोजगार, शिक्षा, व्यापार और पर्यटन के लिए विदेश जाने लगे हैं। ठाणे, ठाणे-2, मलाड (मुंबई) और नासिक में स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र अपने मौजूदा स्थान से आरपीओ मुंबई के प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में कार्य करते रहेंगे।
फिलहाल 90 से ज्यादा राज्यों में आरपीओ और पीओई किराए के कार्यालयों से काम कर रहे हैं। विभिन्न राज्यों की राजधानियों में विदेश भवन के खुलने से इन कार्यालयों की लागत में कमी आने का अनुमान है। इन विदेश भवनों के कारण दक्षता में सुधार होगा और विभिन्न सेवाओं के वितरण में भी तेजी आएगी।