तीन तलाक...एक ऐसा मुद्दा जो चुनावी था...सियासी है...और हत्या की वजह भी... हैरान करने वाली बात ये कि सिर्फ तीन तलाक का विरोध करने पर..अपनी राय घरवालो के सामने रखने पर हत्या कर दी जाती है। न जाने कितनी ऐसी महिलाएं है जिनका रोना सिर्फ एक ही है...कि बिना किसी वजह के इनके शौहर ने तलाक दे दिया। लेकिन क्या ये रोना सिर्फ शायरा या सुफिया का ही है ???
क्या गीता, सुनीता या पूजा इनसे अलग है ???....
क्या वाकई हकीकत ट्रिपल तलाक तक सिमित है ??
क्यों उस ट्रिपल "T" को नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है जिसका किसी मज़हब या किसी धर्म से कोई लेना देना नही है।
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THREATENING...TORTURE...TENTION
भारत में हर 15 मिनट में एक बलात्कार की घटना दर्ज होती है, हर पाँचवें मिनट में घरेलू हिंसा का मामला सामने आता है, हर 69वें मिनट में दहेज के लिए दुल्हन की हत्या होती है और हर साल हज़ारों की संख्या में बेटियां पैदा होने से पहले ही गर्भ में मार दी जाती हैं। इस बात को क्यो नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है कि कुछ लोगो की सोच...न जाने कितने लोगो की ज़िन्दगी खत्म कर चुकी है....
एक स्कूल जाती लड़की ने अपनी ज़िन्दगी इसलिए खत्म कर ली क्योंकि कुछ लड़के उसे छेड़ते थे...
घरवालों को शर्मदिंगी महसूस न हो इसलिए जिंदगी खत्म....
स्कूल जाने से डरती लड़कियां....बाहर निकलने पर घबराती लड़कियां....
क्या कसूर उन बेटियों का....जिनकी शादी शुदा जिंदगी सिर्फ और सिर्फ लालच और दहेज की प्रताड़़ना की बली चढ़ी....?? सलाम उन बहादुर लड़़कियों को जो एसिड की जलन के साथ जिंदगी के सफर को जी रही है। छोटी सी मासुम बच्चियों का रेप....घर की चार दिवारी मे बंद लड़की का रेप...बस में सफर कर रही निर्भया का रेप...
क्या वाकई कोई कानून इन अपराध को रोक सकता है...???
क्या कोई कानून समाज की इस हकीकत को बदल सकता है....???
समाज मे ऐसी गंदगी है क्यो....???
कैसे खत्म होगी इसकी जड़ मे बसी पुरूषवादी मानसिकता ....???
क्यों कोई ऐसी संजीवनी है जो लड़़कियों को अपनी मर्जी से जिंदगी जीने का अधिकार दे ....
क्या वो बिना डर के जी सकती है ???
(ब्लॉग लेखिका सुरभि आर शर्मा देश के नंबर वन चैनल इंडिया टीवी में न्यूज एंकर हैं)