सूरत: सूरत में एक ऐसा श्मशान घाट है जो एयरपोर्ट की शक्ल का है। इस अनोखे शमशान घाट का नाम है मोक्षधाम एयरपोर्ट। सूरत में शुरू हुए इस अनोखे श्मशान घाट में दो डमी एयरोप्लेन भी रखे हुए हैं। आखिर क्यों एक शमशान घाट को एयरपोर्ट का रूप दे दिया गया? पढ़िए पूरी खबर...
यहां से ली गई उड़ाने मोक्ष के दरवाजे तक ले जाती हैं
सूरत के बारडोली के इस शमशान घाट का नाम है मोक्षधाम एयरपोर्ट ये नाम इसलिए क्योंकि ये एयरपोर्ट ऐसा है जहां से ली गई उड़ाने मोक्ष के दरवाजे तक ले जाती हैं। ये एक श्मशान घाट है जिसे एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया गया है।
इस मोक्षधाम में 40-40 फिट दो हवाई जहाज बनाए गए हैं जिससे अंतिम संस्कार के लिए आए लोगों को यहां हवाईअड्डे जैसा एहसास होता है। प्लेन में 14 खिड़कियां है, इसमें 25 लोग बैठ सकते है और इनका नाम भी रखा गया है मोक्ष एयरलाइंस और स्वर्ग एयरलाइंस।
एनाउंसमेंट के जरिए दी जाती है अंतिम संस्कार की जानकारी
यहां अंतिम संस्कार के लिए पांच भट्टियां बनाई गई हैं इन्हें गेट नंबर कहा जाता है। बाकायदा एनाउंसमेंट के जरिए अंतिम संस्कार की जानकारी दी जाती है। अंतिम अनुष्ठान के बाद चिताएं बुझते ही विमान टेकऑफ की आवाजें आती है। साथ ही मॉडल विमान की लाइट जगमगाने लगती है।
आखिर एक शमशान घाट को एयरपोर्ट का रूप देने की जरूरत क्यों पड़ी?
मोक्ष एयरपोर्ट में सीसीटीवी लगे हुए है जिनसे दूर बैठे परिजनों को अंतिम संस्कार लाइव देखने की सुविधा दी जाती है। मृतक के परिजनों को मन की शांति मिल पाए इसलिए यहां बाग और फव्वारें हैं।
साढे 3 करोड़ रुपये में बनकर तैयार
देश के सर्वाधिक सुविधाजनक अन्तिमधाम में लोगों से कोई रूपया नहीं लिया जाता। यहां आसपास के 40 गांव के लोग अंतिम क्रिया के लिए आते है। अत्याधुनिक श्मशान बनाने के लिए 5 करोड़ रुपए का चंदा जुटाया गया था लेकिन ये शमशान साढे तीन करोड़ रूपये में ही तैयार हो गया। बचे हुए डेढ़ करोड़ रुपयों को बैंक में रखा गया है और इन रुपयों के ब्याज से ही रखरखाव किया जाता है।
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