नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई अफसरों को तलब किया और केस की सारी जानकारी मांगी जिसके बाद सीबाईआई की जॉइंट डायरेक्टर संपत मीना से पीड़िता की पिता की हिरासत में हुई मौत को लेकर भी कई कड़े सवाल किए। वहीं उन्नाव रेप पीड़िता को यूपी के अस्पताल से लाकर दिल्ली के एम्स में भर्ती किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल पीड़िता के स्वास्थ्य के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कई सवाल किए। मामले पर सुनवाई के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई जल्द-से-जल्द पूरी करना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव से जुड़े सभी पांच केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मंशा भी जताई।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की यह याचिका खारिज कर दी कि मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह साढ़े 10 बजे तक के लिए स्थगित की जाए क्योंकि उन्नाव मामलों की जांच कर रहे अधिकारी दिल्ली से बाहर हैं। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने मेहता की दलील खारिज करते हुए कहा कि सीबीआई निदेशक टेलीफोन पर मामलों की जानकारी ले सकते हैं और पीठ को बृहस्पतिवार को इससे अवगत करा सकते हैं।
पीठ ने मेहता को निर्देश दिया कि वह उसके समक्ष दोहपर 12 बजे तक एक ऐसे जिम्मेदार अधिकारी की मौजूदगी सुनिश्चित करे जो बलात्कार मामले और इसके बाद हुई दुर्घटना के मामले में अब तक हुई जांच की जानकारी मुहैया कराए। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस भी इस पीठ के सदस्य हैं। पीठ ने कहा, ‘‘हम सभी मामलों को स्थानांतरित करने जा रहे हैं। हम इस संबंध में आदेश पारित करेंगे।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों मामले सीबीआई को हस्तांतरित कर दिए गए हैं, इसलिए वह किसी जिम्मेदार सीबीआई अधिकारी से जानकारी हासिल करने के पश्चात दिन में बाद में आदेश पारित करेगा। बता दें कि पीड़ित परिवार ने बताया था कि उन्होंने बीते 12 जुलाई को रंजन गोगोई को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में रेप पीड़ित ने अपनी जान के खतरे की आशंका जताई थी। रेप पीड़ित ने पत्र में लीखा था, “उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं। लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे।“
पीड़ित परिवार का यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के दफ्तर में ही रह गया और मुख्य न्यायधीश के सामने नहीं आया। मीडिया में खबर आने पर रंजन गोगोई एक्शन में आए और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले में तलब किया और पीड़ित की चिट्ठी के बारे में भी पूछा और एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट देने को कहा। चीफ जस्टिस ने पूछा कि रेप पीड़ित के परिवार की चिट्ठी देर से क्यों दी? अखबार से पीड़ित परिवार की चिट्ठी का पता क्यों चला?
उन्नाव रेप केस में खुलासा हुआ है कि जनवरी में ही पीड़ित की मां ने सुप्रीम कोर्ट से केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। पीड़ित की मां की अर्जी पर यूपी सरकार ने सीबीआई और आरोपी को नोटिस भेजने का आदेश दिया था लेकिन जानकारी मिली है कि ऐसा नहीं हुआ। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर भी सुनवाई होगी। इस बीच सड़क हादसे में घायल रेप पीड़ित और उसके वकील की हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। दोनों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।
वहीं तीन दिन बाद रेप पीड़िता की चाची और मौसी का कल अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके लिए रेप पीड़ित की चाचा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से खास तौर से परोल दी गई थी। पीड़ित के चाचा ने फिर ये बात दोहराई कि हमला विधायक के इशारे पर हुआ है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान लेते ही सरकार और जांच एजेंसी भी एक्शन में है। सीबीआई ने भी रोड एक्सीडेंट के मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस हादसे को लेकर विधायक कुलदीप सेंगर के अलावा 9 और लोगों पर नामजद और 20 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सीबीआई ने इन सभी लोगों पर हत्या, हत्या की कोशिश और क्रिमिनल कांस्पिरेसी का मामला दर्ज किया है। यह केस सीबीआई लखनऊ की ऐंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया है, जो पता लगाएगी की बीच सड़क पर हुई घटना, हादसा थी या फिर साजिश।