Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. भीमा-कोरेगांव मामला: गिरफ्तार पांच कार्यकर्ताओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

भीमा-कोरेगांव मामला: गिरफ्तार पांच कार्यकर्ताओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई और उनकी गिरफ्तारी मामले में एसआईटी जांच की मांग वाली इतिहासकार रोमिला थापर एवं अन्य की याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आज अपना फैसला सुनाने की संभावना है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 28, 2018 6:23 IST
कोरेगांव-भीमा मामला- India TV Hindi
कोरेगांव-भीमा मामला: गिरफ्तार पांच कार्यकर्ताओं पर न्यायालय शुक्रवार को सुनाएगा फैसला

नयी दिल्ली: कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में गिरफ्तार पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई और उनकी गिरफ्तारी मामले में एसआईटी जांच की मांग वाली इतिहासकार रोमिला थापर एवं अन्य की याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आज अपना फैसला सुनाने की संभावना है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने 20 सितंबर को दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। 

इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश साल्वे और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। पीठ ने महाराष्ट्र पुलिस को मामले में चल रही जांच से संबंधित अपनी केस डायरी पेश करने के लिये कहा। पांचों कार्यकर्ता वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनॉन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा 29 अगस्त से अपने-अपने घरों में नजरबंद हैं। 

थापर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक एवं देवकी जैन, समाजशास्त्र के प्रोफेसर सतीश देशपांडे और मानवाधिकारों के लिये वकालत करने वाले माजा दारुवाला की ओर से दायर याचिका में इन गिरफ्तारियों के संदर्भ में स्वतंत्र जांच और कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की गयी है। पिछले साल 31 दिसंबर को ‘एल्गार परिषद’ के सम्मेलन के बाद राज्य के कोरेगांव-भीमा में हिंसा की घटना के बाद दर्ज एक एफआईआर के संबंध में महाराष्ट्र पुलिस ने इन्हें 28 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

शीर्ष न्यायालय ने 19 सितंबर को कहा था कि वह मामले पर ‘‘पैनी नजर’’ बनाए रखेगा क्योंकि ‘‘सिर्फ अनुमान के आधार पर आजादी की बलि नहीं चढ़ायी जा सकती है।’’ वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर, अश्विनी कुमार और वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि समूचा मामला मनगढ़ंत है और पांचों कार्यकर्ताओं की आजादी के संरक्षण के लिये पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने भी कहा था कि अगर साक्ष्य ‘‘मनगढ़ंत’’ पाये गये तो न्यायालय इस संदर्भ में एसआईटी जांच का आदेश दे सकता है।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement