मुंबई: सुप्रीम कोर्ट में आज सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय के भाग्य का फैसला होगा। कोर्ट ने सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए सहारा समूह को अमेरिकी 1.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर जमा कराने का आदेश दिया था और इस काम के लिए कोर्ट समूह को समय देता रहा है। आज तय होना है कि ये समायावधि आगे बढ़ाई जाती है या नहीं।
कोर्ट ने इसके पहले इस महीने सहारा को सुब्रत रॉय की रिहाई के लिए सहारा की संपत्ति बेचने का आख़िरी मौका दिया था। पैसा जमा कर हेतु विदेश में स्थित सहारा समूह की संपत्ति की बिक्री के लिए अंतिम अवसर प्रदान किया था।
समझा जाता है कि सुप्रीम कोर्ट सहारा समूह की संपत्तियों के अलग थलग करने के लिए ‘कोर्ट का रिसीवर’ नियुक्त करना चाहता है लेकिन इस पर उसने अभी तक अमल नहीं किया है क्योंकि सहारा के नए वकील ने कपिल ने ज़मानत के पैसे के इंतज़ाम के लिए और समय मांगने का अनुरोध किया था जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।
सहारा समूह की संपत्तियों में विदोश में न्यूयॉर्क प्लाज़ा होटल और देश में कई ज़मीनें हैं।
सहारा इसके पहले रॉय की रिहाई के लिए पैसे जुगाड़ने की कई कोशिशें कर चुका है। रॉय और सहारा ग्रुप के निदेशक रवि शंकर दुबे और अशोक रॉय चौधरी निवेशकों का पैसा वापस नहीं करने की वजह से मार्च 2014 से हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में जब ये आदेश दिया तब सहारा को 24 हज़ार करोड़ रुपय निवेसकों को लौटाने थे। ये राशि ब्याज के कारण अब और बढ़ गई है।
सहारा का हालंकि कहना है कि उसने निवेशकों का ज़्यादातर बक़ाया पैसा वापस कर दिया है लेकिन सेबी इसे नहीं मानता।