नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह, केरल के सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किये जाने की तारीख पर मंगलवार को निर्णय करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस.के. कौल की पीठ ने वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा की इस दलील पर विचार किया कि संवैधानिक पीठ के फैसले पर फिर से विचार की मांग कर रही उनकी याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि 19 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं। हम कल तक फैसला करेंगे।’’ नेदुम्परा राष्ट्रीय अयप्पा श्रद्धालु संगठन की ओर से दाखिल याचिका पर वकील के तौर पर पेश हुए। पांच सदस्यों वाली संविधान पीठ ने 4:1 के अनुपात से फैसला सुनाया था कि सबरीमला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी जाए।
इस बीच केरल के प्रसिद्ध शबरीमाला मंदिर में तीर्थयात्रा का पहला चरण आज समाप्त हो गया। इसी के साथ मंदर के कपाट 1 महीने बंद हो गए हैं। पहले चरण के अंत के बाद भी भक्तों और पुजारियों के विरोध के आगे सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी बौना नज़र आया। अभी तक महिलाएं मंदिर में नहीं कर सकीं हैं। इसके साथ ही पुलिस ने मीडिया को भी शनीधामन और पंबा मंदिर को छोड़ने के निर्देश दिए हैं। पुलिस को सूचना मिली है कि भीड़ मीडिया कर्मियों पर भी हमले कर सकती है