नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया है। लखीमपुर में हुई घटना में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोग मारे गए थे। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर जारी सूची के मुताबिक, चीफ जस्टिस एन. वी. रमण के साथ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की 3 जजों की पीठ मामले में सुनवाई करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का संज्ञान लेते हुए कदम उठाने की अपील की थी।
सिब्बल ने की थी सुप्रीम कोर्ट से अपील
सिब्बल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए। कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया था, ‘एक ऐसा समय था जब यूट्यूब, कोई सोशल मीडिया नहीं था, तब उच्चतम न्यायालय प्रिंट मीडिया की खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाता था। उसने उन लोगों की आवाज सुनी, जिनकी कोई नहीं सुन रहा था।’ वरिष्ठ वकील सिब्बल ने आग्रह किया, ‘आज हमारे नागरिकों पर गाड़ी चढ़ाई जाती है और उनकी हत्या कर दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट से आग्रह है कि वह इस पर कदम उठाए।’
लखीमपुर मामले पर तेज हुई राजनीति
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। साथ ही इस मामले पर राजनीति भी तेज हो गई है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर यूपी की योगी सरकार पर हमलावर है। साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एवं राहुल गांधी समेत कई सियासी दलों के नेता लखीमपुर खीरी पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे हैं।