नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश पर गुरूवार को रोक लगा दी जिसमें उसने पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव लड़ने के लिए ई-मेल के जरिए दाखिल नामांकन पत्र मंजूर करने के लिए कहा था। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस बात पर गौर किया कि करीब 17,000 उम्मीदवारों ने निर्विरोध पंचायत चुनाव जीता है। न्यायालय ने चुनाव आयोग से उन्हें विजेता नहीं घोषित करने के निर्देश दिए।
पीठ ने राज्य निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि राज्य में 14 मई को होने वाले पंचायत चुनाव‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’’हों। शीर्ष न्यायालय ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश और यह तथ्य कि 34 फीसदी उम्मीदवारों ने निर्विरोध चुनाव जीता , यह ‘‘ चिंताजनक ’’ है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आठ मई को राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि वह 23 अप्रैल को दोपहर तीन बजे तक ऑनलाइन दाखिल किये गये नामांकन पत्रों को स्वीकार करे।