Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. प. बंगाल पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध सीटों की संख्या का ब्यौरा मांगा

प. बंगाल पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध सीटों की संख्या का ब्यौरा मांगा

सुप्रीम कोर्ट आज इस तथ्य पर हतप्रभ रह गया कि हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में हजारों सीटों पर चुनाव ही नहीं लड़ा गया। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : July 03, 2018 22:12 IST
Supreme Court
Supreme Court

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज इस तथ्य पर हतप्रभ रह गया कि हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में हजारों सीटों पर चुनाव ही नहीं लड़ा गया। कोर्ट ने टिप्पणी की कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि निचले स्तर पर लोकतंत्र काम नहीं कर रहा है। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह कल तक ऐसी सीटों के सही आंकड़ें उपलब्ध कराये। 

पश्चिम बंगाल में इस साल मई में ग्राम पंचायत, जिला परिषद और पंचायत समिति की 58692 सीटों के लिये हुये चुनाव में 20,159 पर चुनाव लड़ा ही नही गया। इन चुनावों में काफी हिंसा हुयी थी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए के खानविलकर और जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘‘ हम इस तथ्य के प्रति बेखबर नहीं रह सकते कि राज्य में पंचायत चुनावों में इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ा ही नहीं गया। हमें यह बात परेशान कर रही है कि 48,000 ग्राम पंचायतों में 16,000 से अधिक निर्विरोध रहीं।’’पीठ ने कहा कि जिला परिषद और पंचायत समितियों की सीटों के लिये हुये चुनावों की भी यही स्थिति रही है। 

कोर्ट ने कहा कि यह विस्मित करने वाला है कि हजारों सीटें निर्विरोध रहीं । ये आकंड़े यही दर्शाते हैं कि निचले स्तर पर लोकतंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। पीठ ने पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को कल तक एक हलफनामा दाखिल कर इसमें राज्य में स्थानीय निकायों में उन सीटों का सही विवरण मुहैया कराये जिन पर चुनाव ही नहीं लड़ा गया।

 
कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग के फैसलों पर सवाल उठाये और कहा कि पहले उसने नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाई और एक दिन के भीतर ही अपना आदेश वापस ले लिया। पीठ ने कहा, ‘‘आप (राज्य चुनाव आयोग) कानून के अभिरक्षक हैं। यह विचित्र है कि इतनी अधिक सीटों पर चुनाव ही नहीं लड़ा गया। यदि कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है तो फिर इसे लेकर कोई मुकदमा भी नहीं होगा जबकि हकीकत यह है कि इसे लेकर मुकदमे हुये और इसका मतलब है कि कुछ न कुछ गड़बड़ होने के तथ्य के प्रति सभी जानते थे। 

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस पटवालिया ने कहा कि चुनाव के दौरान हिंसक घटनायें हुयी और लोगों को नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं करने दिये गये। उन्होंने जिलेवार उन सीटों का विवरण दिया जिन पर चुनाव लड़ा ही नहीं गया। इससे पहले , शीर्ष अदालत ने राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनावों में ई मेल के माध्यम से दाखिल होने वाले नामांकन पत्रों को स्वीकार करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि वह निर्विरोध चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा राजपत्र में नहीं करें। 

हालांकि पीठ ने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अनेक फैसले हैं जिनमें यह व्यवस्था दी गयी है कि एक बार चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के बाद कोई भी अदालत इसमे हस्तक्षेप नहीं कर सकती। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भाजपा ने आरोप लगाया था कि उनके अनेक प्रत्याशियों को नमांकन पत्र दाखिल नहीं करने दिया गया जिसकी वजह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के करीब 34 प्रतिशत प्रत्याशी निर्विरोध जीते। शीर्ष अदालत पंचायत चुनावों में ई मेल के जरिये नामांकन पत्र स्वीकार करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। (भाषा)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail