नई दिल्ली। सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ पर सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। हालांकि कोर्ट ने 10 प्रतिशत आरक्षण पर किसी तरह का स्टे लगाने से इनकार कर दिया।
सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए सरकार एक बिल लेकर आई थी जिसे लोकसभा और राज्यसभा से पास कराने के बाद राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित हो गया है। केंद्र सरकार के बाद कई राज्य सरकारों ने भी अपने यहां इसे लागू कर दिया है।
लेकिन 'यूथ फॉर इक्वालिटी' नाम के एक गैर सरकारी संगठन ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और इसे सविंधान के खिलाफ बताया। इसी याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।